जिस तरह हरि का सिमरन मनुष्य के करोड़ों पापों को नष्ट कर देता है इसी प्रकार सत्संग सत्य का वह मार्ग है जो भवसागर पार जाता है श्री महंत कमलेशानन्द सरस्वती

विज्ञापन

सम्पादक प्रमोद कुमार

हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द) खड़खड़ी स्थित श्री गंगा भक्ति आश्रम में ज्ञान की गंगा बहाते हुए आश्रम के श्री महंत त्याग मूर्ति कमलेशानन्द सरस्वती महाराज ने कहा जिस प्रकार एक आग की चिंगारी लकड़ी के ढेर को जलकर स्वाहा कर देती है इसी प्रकार हरि भजन मनुष्य के जीवन में किये गये सभी पापों को नष्ट कर देता है इंसान में आजकल अंदर कुछ और और बाहर कुछ और होता है लिबास पहनने से कोई इंसान नहीं बन जाता इंसान बनने के लियें जीवन में धैर्य संतोष और इंसानियत का होना आवश्यक है और इस प्रकार के संस्कार सिर्फ हरि भजन से ही मनुष्य के अंदर आते हैं।

 

विज्ञापन

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ये भी पढ़ें

Copyright © All rights reserved. | Sakshar Haridwar Powered by www.WizInfotech.com.