13 August 2025

परमार्थ और धर्म कर्म के कार्य मनुष्य जीवन को सार्थक कर देते हैं महंत पीठाधीश्वर किशन दास महा त्यागी महाराज संस्कार और हरि भजन मनुष्य जीवन की सार्थकता महामंडलेश्वर श्याम दास महाराज

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सम्पादक प्रमोद कुमार

हरिद्वार 5 जुलाई 2025( वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद) भूपतवाला स्थित घनश्याम भवन दूधाधारी चौक हरिद्वार में श्रीमद् भागवत कथा भक्ति ज्ञान यज्ञ के समापन के अवसर पर एक विशाल संत समागम तथा भंडारे का आयोजन किया गया इस अवसर पर अपने श्री मुख से भक्तजनों के बीच ज्ञान की वर्षा करते हुए श्री महंत पीठाधीश्वर किशन दास महा त्यागी जी महाराज ने कहा जिसके मन में भक्ति बसी हो उसका घर किसी मंदिर से कम नहीं होता क्योंकि जो भगवान के होते हैं भगवान उनके होते हैं जो भगवान को अपने मन मस्तिष्क में रखते हैं भगवान सदैव ऐसे भक्तों के हृदय में वास करते हैं राम नाम की लूट है जो लूट जाये तो लूट नहीं तो अंत समय पछतायेगा जब प्राण जायेंगे छूट भगवान राम इस सृष्टि के कण-कण में विद्यमान है तुझ में राम मुझ में राम इस संपूर्ण सृष्टि के कण-कण में श्री राम श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ कथा का जीवन में एक बार श्रवण करने मात्र से मनुष्य को जीवन कल्याण सुधा रस प्राप्त हो जाता है उसका लोक एवम परलोक दोनों सुधर जाते हैं इस कथा का आयोजन करने वाले भक्तों के जीवन में धन-धान्य सुख शांति समृद्धि की वर्षा होती है एवम उसके पूर्वजों को सद्गति प्राप्त होती है इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर अनंत विभूषित त्याग मूर्ति 1008 श्री श्याम दास जी महाराज ने कहा मनुष्य के जीवन में उसकी संगत का बहुत बड़ा असर होता है कहने का मतलब यह है अगर आपकी उठ बैठ गलत मानसिकता के लोगों में होगी तो आपकी बुद्धि पर भी एक न एक दिन उनकी ही मानसिकता का प्रभाव पड़ जायेगा इसलिये संगत साधु संतों की विद्वानों की करें ताकि उनके साथ-साथ आपकी बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ मानव जीवन भी सार्थक हो जाये मनुष्य को राम भजन करने के लियें बुढ़ापे का इंतजार नहीं करना चाहिये क्योंकि बुढ़ापा निशक्त होता है जब आप खुद उस समय दूसरों के आश्रित होने लगते हैं तो स्वस्थ मन से कैसे भजन कर सकते हैं इसलिए भजन करो मस्त जवानी में बुढ़ापा किसने देखा है राम भजो मस्त जवानी में बुढ़ापा किसने देखा है संत महापुरुष गुरुजनों की संगत हमारे तन मन को पावन करने के साथ-साथ हमारे मानव जीवन का भी उद्धार कर देती है इसलिये पानी पियो छान के गुरु बनाये जान के ताकि गुरु की युक्ति से आपका मानव जीवन तो सार्थक हो ही जाये और साथ-साथ गुरु चरणों से मुक्ति का भी मार्ग प्राप्त हो जाये भक्ति मनुष्य जीवन में भगवान राम तक पहुंचाने के लियें सेतु का कार्य करती है और गुरुजन भवसागर पार जाने वाले विमान के रूप में कार्य करते हैं भक्तों को गुरु धर्म कर्म के मार्ग से उंगली पड़कर पलक झपकते ही भवसागर पार करा देते है यही गुरु की पावनता है और यही गुरु के वचनों की सार्थकता है संरक्षक श्री वीरेंद्र तिवारी ने कहा गुरु से सच्चा और बड़ा मार्गदर्शक जीवन में कोई और हो ही नहीं सकता गुरु कृपा बड़ी ही भव तारिणी है इस अवसर पर महंत दुर्गादास महाराज महंत वृंदावन दास महाराज महंत रामदास महाराज महंत श्याम दास महाराज महंत सूरज दास महाराज महंत प्रकाशनानंद महाराज कोतवाल त्याग मूर्ति श्री रामदास जी महाराज उपस्थित थे श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ की पावन ज्ञान वर्षा कथा व्यास परम पूज्य आचार्य मिश्रा जी महाराज ने अपने श्री मुख से करते हुए भक्तों को कल्याण का मार्ग प्रदान किया

 

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