एम्स में आयोजित हुई सीएमई, विशेषज्ञों ने की प्रबन्धन पर चर्चा

सम्पादक प्रमोद कुमार
ऋषिकेश 15 जुलाई, 2025 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में मेडिसिन व नेफ्रोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में कार्डियो डायबेटिक सोसाईटी और यूके.आर.एस.एस.डी.आई के सहयोग से डायबेटिक किडनी रोग पर सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने इस रोग के इलाज और रोकथाम के नवीनतम उपायों पर व्यापक चर्चा कर जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया।
 
सीएमई का उद्घाटन करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो0 मीनू सिंह ने कहा कि स्वस्थ जीवन शैली, डाॅक्टरों द्वारा नियमित जांच और चिकित्सीय परामर्श का पालन करके मुधमेह रोगी अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीमएई में विभिन्न क्षेत्रों से आए चिकित्सा विशेषज्ञों के मंथन से इस बीमारी की रोकथाम और इलाज के उपायों को और बेहतर ढंग से समझने का अवसर प्राप्त होगा। कार्यक्रम के आयोजक अध्यक्ष और मेडिसिन विभाग के हेड प्रो0 रविकान्त ने मधुमेह से होने वाली किडनी डिसीज के प्रबन्धन पर प्रकाश डाला। बताया कि मधुमेह से पीड़ित कई लोगों को अक्सर उक्त रक्तचाप की शिकायत हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि शुगर के रोगी नियमित स्तर पर अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाएं। उन्होंने डायबेटिक किडनी रोग के लक्षणों, रोकथाम और इसके इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सीएमई के सह संयोजक मेडिसिन विभाग के डाॅ0 मुकेश बैरवा और नेफ्रोलाॅजी विभाग की डाॅ0 शेरोन कंडारी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य तेजी से फैल रही इस बीमारी के प्रति चिकित्सकों को जागरूक करना तथा बेहतर रोगी देखभाल हेतु उन्हें अद्यतन चिकित्सा जानकारी प्रदान करना था। सीएमई को कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डीन एकेडमिक प्रो0 जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो0 बी सत्या श्री यूके. आर.एस.एस.डी.आई के चेयरमैन डाॅ0 दीपक रस्तोगी आदि ने भी संबोधित किया।
इस दौरान विभिन्न चिकित्सा संस्थानों से पहंुचे विशेषज्ञ डॉक्टरों डॉ संजय शाह डॉ. दीपांकर भौमिक, डॉ. पुनीत अरोड़ा, डॉ. कल्याणी एस, और डॉ. पर्वन शेट्टी आदि ने डायबेटिक किडनी रोग के प्रबंधन, नवीनतम शोध और उन्नत उपचार विधियों पर विस्तार से व्याख्यान दिए। इस अवसर पर डॉ. बालाचंद्र, डॉ. राशि, डॉ. विनय, डॉ. अर्शदीप, डॉ. संदीप और डॉ. अभय आदि मौजूद रहे।