दिल्ली में हिंदुस्तानी पसमांदा मंच की राष्ट्रीय बैठक संपन्न

सम्पादक प्रमोद कुमार
हरिद्वार।दिनांक 13 अगस्त 2025 को हिंदुस्तानी पसमांदा मंच की राष्ट्रीय बैठक दिल्ली के ऐवान-ए-ग़ालिब ऑडिटोरियम में भव्य रूप से आयोजित की गई। इस ऐतिहासिक बैठक में देश के विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों से आए सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य पसमांदा मुस्लिम समाज के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में ठोस रणनीति बनाना था।मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकारिणी सदस्य एवं हिंदुस्तानी पसमांदा मंच के संरक्षक डॉ इंद्रेश कुमार।मुख्य वक्ता मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद शमशाद मीर।
 
विशिष्ट अतिथि हरियाणा वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जाकिर हुसैन।बैठक की अध्यक्षता मोहम्मद अफ़जाल ने की।
पूरे कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन मंच के महासचिव डॉ. जावेद चारण ने किया। डॉ इंद्रेश कुमार (मुख्य अतिथि, RSS कार्यकारिणी सदस्य एवं मंच के संरक्षक)ने कहा “पसमांदा समाज भारत के मुसलमानों की रीढ़ है, जिसने सदियों से मेहनत और त्याग के साथ देश की सेवा की है। लेकिन सामाजिक असमानता और राजनीतिक उपेक्षा ने इन्हें उनका हक नहीं मिलने दिया। हिंदुस्तानी पसमांदा मंच इस बदलाव का वाहक है, जो समानता, न्याय और सशक्तिकरण का संदेश देता है। यह लड़ाई सिर्फ पसमांदा मुसलमानों की नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र को मज़बूत करने की है।”उन्होंने जाति आधारित भेदभाव, सांप्रदायिक राजनीति और दिखावटी प्रतिनिधित्व के विरुद्ध सतत संघर्ष का आह्वान किया। शमशाद मीर ने कहा कि “हमारा पहला लक्ष्य पसमांदा पहचान को मान्यता दिलाना है। मुस्लिम समाज के भीतर जाति-आधारित भेदभाव पर चुप्पी अब खत्म होगी। हम राजनीतिक प्रतिनिधित्व, शिक्षा, रोज़गार और सामाजिक न्याय के लिए संघर्षरत रहेंगे।”उन्होंने घोषणा पत्र के बिंदुओं को विस्तार से रखते हुए कार्यकर्ताओं से इन्हें गांव-गांव तक पहुंचाने की अपील की।जाकिर हुसैन (चेयरमैन, हरियाणा वक्फ बोर्ड)ने कहा“वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग पसमांदा समाज की तरक्की में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। हम शिक्षा, स्कॉलरशिप और रोज़गार योजनाओं में पसमांदा युवाओं को प्राथमिकता देंगे।”उन्होंने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।मोहम्मद अफ़ज़ल (अध्यक्षत)ने कहा् की“यह बैठक पसमांदा आंदोलन के लिए एक नई ऊर्जा लेकर आई है। हमें संगठित होकर ही अपने लक्ष्यों को हासिल करना होगा।डॉ. जावेद चारण (महासचिव, हिंदुस्तानी पसमांदा मंच)ने कहा“हम अपनी लड़ाई को कानूनी, लोकतांत्रिक और जनसंगठन के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे। यह मंच किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज की वास्तविक बेहतरी के लिए काम कर रहा है।”
उन्होंने आगामी महीनों में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय अभियान चलाने की घोषणा की।कार्यक्रम को महिला मोर्चा की संयोजिका शहनाज़ अफ़ज़ाल ने भी संबोधित किया। दिल्ली प्रांत के महामंत्री डॉ मासूम आलम ने संकल्प पत्र पेश किया।मुख्य निर्णय और चर्चा के बिंदु को बताया है।
1. अनुच्छेद 341 के तहत दलित मुस्लिमों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की मांग।
2. जाति-जनगणना कराने और पसमांदा समाज के लिए अलग आरक्षण कोटा सुनिश्चित करने की रणनीति।
3. शिक्षा, कौशल विकास, छात्रवृत्ति और पसमांदा छात्रावास की स्थापना पर जोर।
4. वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग और शैक्षणिक संस्थाओं में लोकतांत्रिक चुनाव और पसमांदा बहुमत की गारंटी।
5. पसमांदा कल्याण मंत्रालय और पसमंदा आयोग बनाने की माँग रखी गई।
6. पसमंदा हॉस्टल्स एवं पसमंदा समाज के बच्चो के लिए फेलोशिप शुरू करवाने का प्रयास चर्चा के मुख्य बिंदु रहे ।बैठक के अंत में यह सर्वसम्मति से संकल्प लिया गया कि पसमांदा समाज के अधिकारों, सम्मान और समान अवसर के लिए देशव्यापी आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा।