चंद्रयान-3 के लॉन्च होने से पूर्व ही वैदिक शास्त्रों ने की थी ऐतिहासिक जीत की भविष्यवाणी : धीरज शर्मा

हरिद्वार 25 अगस्त 2023 को को देवपुरा स्थित सीएम कोर्ट परिसर मैं पहुंचे पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान हरिद्वार में अध्यनरत बी.ए.एम.एस स्कॉलर के विद्यार्थी धीरज शर्मा सुपुत्र पंडित श्री सुभाष शर्मा ने वेदों एवं वेदों के सर्व कार्यरत सिद्धांतों को आधार मानकर चंद्रयान 3 के लॉन्च होने से पूर्व ही सफलता के परिणामों को घोषित कर दिया था और यह भी बताया की चंद्रयान 3 के उद्देश्य एवं यात्रा पूर्णतया सफल साबित होगी क्योंकि हमारे शास्त्रों में बताया गया है जब से अंतरिक्ष में सूर्य चंद्रमा विद्यमान है तब से वैदिक शास्त्र विद्यमान है क्योंकि वैदिक शास्त्र का निर्माण सूर्य चंद्रमा को आधार मानकर किया गया है और वैदिक शास्त्र दुनिया की एकमात्र ऐसी विज्ञान है जिसका प्रयोग हम किसी भी विषय क्षेत्र या कार्य क्षेत्र में प्रयोग कर हम उसे कार्य के यथाशीघ्र परिणामों को जान सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि शास्त्र कभी संदेहप्रद नहीं होते शास्त्रों का सम्यक प्रयोग करने से किसी भी कार्य के परिणाम में पारदर्शिता प्रकट होती है इसी कारण भारतीय वैदिक शास्त्र को सर्व विज्ञान सागर भी कहा जाता है क्योंकि हमारे वैदिक शास्त्र की इस संपूर्ण ब्रह्मांड में गहनतम पकड़ है जिसके माध्यम से हम किसी भी कार्य परिणाम को जान सकते हैं जैसे की भारतीय ज्योतिष शास्त्रों में तिथि वार नक्षत्र करण संयोग को प्रमुख बताया गया है और यह भी उल्लेख मिलता है किसी विशेष नक्षत्र में कार्य करने से कार्य सिद्धि की प्राप्ति होती है नक्षत्र का हमारे दैनिक जीवन में विशेष योगदान होता है जैसे की चंद्रयान-3 को रोहिणी नक्षत्र में लॉन्च किया गया था जो की किसी विशेष कार्य सिद्धि का पूर्वाभास करता है अर्थात किसी भी घटना के परिणाम का घटित होना यह उसके नक्षत्र पर निर्भर करता है यदि हम हमारे वर्तमान समय के अंदर सर्व वैदिक सिद्धांतों का प्रयोग करें तो हम प्रत्येक कार्य विषय एवं प्रत्येक कार्य क्षेत्र में कार्य सिद्धि एवं प्रसिद्धता प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि हमारे वैदिक शास्त्रों में जिस विज्ञान कार्य इत्यादि का जो उल्लेख मिलता है वह वर्तमान समय में पूर्णतया निहित है एवं उद्देश्य युक्त है हमारे वैदिक शास्त्रों में अंतरिक्ष विज्ञान का विस्तार सहित उल्लेख मिलता है एवं अंतरिक्ष में सभी ग्रहों की स्थिति एवं अंतरिक्ष में घटित होने वाले प्रत्येक घटना का वर्णन किया गया है हम वर्तमान समय में वैदिक अंतरिक्ष विज्ञान का प्रयोग करके अंतरिक्ष जगत में प्रसिद्धता हासिल कर सकते हैं और अंतरिक्ष जगत में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं और भारतीय अंतरिक्ष प्रणाली मैं सुदृढ़ता स्थापित कर सकते हैं हम वैदिक शास्त्र की सहायता से ही अनंत ब्रह्मांड के रहस्य को सुलझा सकते हैं हमारे वैदिक शास्त्र ही हमारी राष्ट्रीय धरोहर है अतः हमें इनका सम्मान करना चाहिए और इनका प्रयोग करना चाहिए।