11 September 2025

श्री श्याम वैकुंठ धाम के परमा ध्यक्ष श्री महंत 1008 श्यामसुंदर दास जी महाराज के पावन सानिध्य में हनुमान शिव मंदिर सभापुर बालाजी दिल्ली दरबार मे अलवर वाले बाबा के पैतृक गांव भूगोर से लाई गई।

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हरिद्वार श्यामपुर कांगड़ी स्थित श्री श्याम वैकुंठ धाम के परमा ध्यक्ष श्री महंत 1008 श्यामसुंदर दास जी महाराज के पावन सानिध्य में हनुमान शिव मंदिर सभापुर बालाजी दिल्ली दरबार मे अलवर वाले बाबा के पैतृक गांव भूगोर से लाई गई धर्म ध्वजा एक विशाल शोभा यात्रा के साथ दिल्ली दरबार पहुंची इस अवसर पर जगतगुरु शंकराचार्य परम पूज्य श्री राज राजेश्वरानंद जी महाराज का पावन सानिध्य भी भक्तजनों को प्राप्त हुआ इस अवसर पर बोलते हुए जगतगुरु शंकराचार्य श्री राज राजेश्वरानंद महाराज ने कहा हमारी ईश्वर साधु संतों के प्रति आस्था संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म को और अधिक मजबूत करती है हमारी ईश्वर भक्ति और शक्ति को संपूर्ण विश्व ने देखा है यह भारत भूमि ईश्वर की अवतरित भूमि है यहां भगवान राम अवतरित हुए हैं यहां भगवान कृष्ण अवतरित हुए हैं यहां भगवान बुद्ध अवतरित हुए हैं यहां भगवान महावीर अवतरित हुए हैं यहां भक्त प्रहलाद अवतरित हुए हैं यहां भक्त सुदामा अवतरित हुए हैं यहां भक्त मीराबाई अवतरित हुई है यहां भक्त सूरदास अवतरित हुए हैं यहां भक्त कालिदास अवतरित हुए हैं यहां भक्त रविदास अवतरित हुए हैं यह है भारत भूमि देवी देवताओं की जननी भूमि है इस भूमि पर एक से एक वीर भी अवतरित हुए हैं आज संपूर्ण विश्व हमारी सभ्यता हमारी संस्कृति हमारी सनातन परंपरा को अपनाने के लिए आतुर है ऐसे पावन कार्यों के माध्यम से विश्व भर को हम भारतीय संस्कृति से जोड़ते हैं भारतीय सभ्यता से जोड़ते हैं हम साक्षात ईश्वर से मिलने के लिए आगे बढ़ते हैं भक्ति में ही शक्ति है भक्त भक्तों के अधीन होते हैं अगर सच्चे मन से पुकारो तो दौड़े चले आते हैं इस अवसर पर बोलते हुए श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री ब्रह्मलीन पंडित राम गोपाल जी महाराज अलवर वाले बाबा साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति थे उन्होंने लाखों भक्तों के अपने तपोबल से कष्ट हरे इस जगत को कल्याण का मार्ग दिखाया आज भी उन्हीं का प्रताप सभापुर दिल्ली दरबार में विद्यमान है भक्त मन्नता की झोली फैलाए आते हैं और खुशियों की झोली भरकर हंसते गाते अपने घर जाते हैं उन्होंने कहा जाता नहीं कोई दुनिया से दूर चलकर मिलते हैं यही सब फिर वापस कपड़े बादल बदल कर भरा नहीं जो भावों से बहती जिसमें रस की धार नहीं हृदय नहीं पत्थर है वह जिसे स्वदेश देश से प्यार नहीं हरि भजन को आलसी भोजन को होशियार रे मानव ऐसे जीवन को बार-बार धीकार शोभा यात्रा में लगभग 25 000से 30000 भक्तों ने भाग लिया तथा दिल्ली सभापुर दरबार में अपनी मन्नत पूर्ण होने पर माथा टेका इस अवसर पर परम पूज्य श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज ने सभी भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया तथा प्रसाद विस्तृत किया भंडारे में सभी भक्तों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया खास रिपोर्टिंग ठाकुर मनोज कुमार मनोजानंद

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