दिव्य संत थे साकेतवासी महंत जानकीदास-स्वामी अयोध्याचार्य

प्रमोद कुमार हरिद्वार
हरिद्वार(मनोज ठाकुर)12 मार्च। जगद्गुरू अयोध्याचार्य महाराज की अध्यक्षता में भूपतवाला स्थित लक्ष्मी निवास आश्रम में आयोजित आश्रम के साकेतवासी महंत जानकी दास महाराज के पुण्य स्मृति समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके शिष्य स्वामी गणेश दास को तिलक चादर प्रदान कर आश्रम का महंत नियुक्त किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जगद्गुरू स्वामी अयोध्याचार्य महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत जानकी दास महाराज दिव्य संत थे। भक्तों को धर्म व संस्कृति का ज्ञान प्रदान करने के साथ उन्होंने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में योगदान दिया। आश्रम के नवनियुक्त महंत गणेश दास महाराज को आशीर्वाद देते हुए उन्होंने कहा कि महंत गणेश दास आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाएंगे और अपने गुरू के अधूरे कार्यो को पूरा करेंगे। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि साकेतवासी महंत जानकीदास महाराज ने जीवन पर्यन्त धर्म संस्कृति के संरक्षण और मानव कल्याण में योगदान दिया। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते मानव कल्याण में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त महंत गणेश दास महाराज अपने गुरू के पदचिन्हों पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान देंगे। महंत राजेंद्र दास एवं महंत नारायण दास पटवारी ने कहा कि साकेतवासी महंत जानकी दास महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। आश्रम के नवनियुक्त महंत गणेश दास महाराज युवा एवं विद्वान संत हैं। संत समाज को पूरा विश्वास है कि महंत गणेश दास महाराज सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में अपना पूर्ण योगदान देंगे। नवनियुक्त महंत गणेश दास महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव साकेतवासी महंत जानकीदास महाराज से प्राप्त शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण और आश्रम की सेवा संस्कृति का विस्तार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। मुकेश राठौड़, प्रकाश राठौड़, श्याम, संदीप कुमार, रानी देवी व ज्योति प्रसाद मिश्रा ने सभी संत महापुरूषों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत दुर्गादास, महंत हरीदास, महंत बिहारी शरण, स्वामी ज्ञानानन्द, स्वामी नित्यानन्द, स्वामी शिवानन्द भारती, स्वामी हरिवल्लभदास शास्त्री, महंत परमेश्वर दास, महंत किशोर दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष एवं श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।
फोटो नं.10-महंत गणेश दास को तिलक चादर प्रदान करते संत
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योग्य शिष्य ही गुरु की कीर्ति को बढ़ाते हैं: महंत विष्णु दास
पुण्यतिथि पर संत समाज ने किया साकेत वासी महंत भगवान दास को नमन
हरिद्वार, (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज कुमार) 12 मार्च। महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि योग्य शिष्य ही गुरु की कीर्ति को बढ़ाते हैं। श्रवणनाथ नगर स्थित श्री रामानंद आश्रम में साकेत वासी महामंडलेश्वर महंत भगवान दास महाराज की छठी पुण्य तिथि पर आयोजित गुरु स्मृति महोत्सव को संबोधित करते हुए महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि साकेत वासी महामंडलेश्वर महंत भगवान दास महाराज विद्वान संत थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। गुरू के रूप में ऐसे विद्वान संत का सानिध्य भाग्यशाली व्यक्ति को मिलता है। महंत प्रेम दास महाराज सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें साकेत वासी महंत भगवान दास महाराज के सानिध्य में धर्म और अध्यात्म की शिक्षा दीक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला। पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि गुरू से प्राप्त ज्ञान और संत परंपराओं का अनुसरण करते हुए महंत प्रेम दास महाराज को समाज का मार्गदर्शन करने के साथ धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में भी योगदान करते देखना सुखद व प्रेरणादायक है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महंत बालक दास व महंत प्रबोधानंद गिरी ने कहा कि धर्म प्रचार में साकेतवासी महंत भगवान दास महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। सभी को उनके जीवन दर्शन से प्रेरणा लेनी चाहिए। महंत प्रेम दास महाराज ने कार्यक्रम में शामिल हुए संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव साकेत वासी महंत भगवान दास महाराज से प्राप्त ज्ञान व शिक्षाओं के अनुसरण और संत समाज के आशीर्वाद से गुरू परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए समाज को धर्म व अध्यात्म की प्रेरणा देना और सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महंत प्रेम दास, महंत हरि दास, महंत राजेंद्र दास, महंत प्रमोद दास, महंत जयराम दास ने सभी सतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत गोविंददास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, महंत प्रमोद दास, महंत सूरज दास, महंत बालक दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत गंगादास उदासीन, स्वामी शिवानंद, महंत सूरज दास, महंत बिहारी शरण, स्वामी विवेकानंद, महंत विंध्यवासिनी महाराज, महंत अंकित शरण, महंत दुर्गा दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित हुए।