मकर संक्रांति स्नान से मिलता है कई यज्ञों के बराबर पुण्य फल-महंत मधुसूदन गिरी

सम्पादक प्रमोद कुमार
वरिष्ठ पत्रकार राकेश वालिया हरिद्वार, 8 जनवरी। कनखल सन्यास मार्ग स्थित बापेश्वर धाम के परमाध्यक्ष महंत मधुसूदन गिरी महाराज ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ पहला स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति को होगा। सभी अखाड़ों के संत महापुरूष और नागा सन्यासी प्रयागराज में गंगा स्नान कर मानव कल्याण के लिए प्रार्थना करेंगे। महंत मधुसूदन गिरी महाराज ने बताया कि गंगा स्नान कभी भी किया जाए। हमेशा पुण्य फलदायी होता है। लेकिन मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने से शरीर पवित्र और मन निर्मल हो जाता है। जिससे जन्म जन्मांतर के पापों से निवृत्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान करने से मोक्ष और अक्षय पुण्य फल मिलता है। कई यज्ञों के बराबर फल मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने मात्र से ही प्राप्त हो जाता है। मकर संक्रांति पर ब्रहम मुर्हत में गंगा स्नान कर सूर्य को अर्ध्य दें। इस दिन गंगा स्नान करने और दान देने से व्यक्ति के लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने पर 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने के बराबर पुण्य मिलता है और देवी देवता भी प्रसन्न होते हैं। उन्होंने बताया कि महर्षि वेदव्यास के अनुसार मकर संक्रांति के दिन गंगा, सिंधु, सरस्वती, यमुना, नर्मदा, कावेरी, सरयू, चंबल आदि नदियों में विधिवत स्नान, तर्पण और दान करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है। गंगा में स्नान करने के उपरांत पूर्वजों को तपर्ण अवश्य दें। इसे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से सभी कार्य सकुशल संपन्न होते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है।