विचारों एवम संस्कारों से भी किसी के मन को तर्पित किया जा सकता है ज्ञान से महाकाय जा सकता है श्री महंत रघुवीर दास महाराज

सम्पादक प्रमोद कुमार
हरिद्वार श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़े के परमा ध्यक्ष श्री महंत रघुवीर दास महाराज आश्रम में अपने श्री मुख से ज्ञान की वर्षा करते हुए कहा जरूरी नहीं कि आपकी सेवा टहल से ही किसी का मन प्रसन्न तथा तृप्त हो अगर आपके संस्कार अच्छे हैं और विचार अच्छे हैं तो आपसे दूसरा व्यक्ति स्वतः ही प्रभावित तथा संतुष्ट हो जायेगा मनुष्य के संस्कार और विचार उसके जीवन को महका देते हैं भले ही आपके पास किसी को कुछ देने के लिये ना हो खिलाने के लियें ना हो आप उसे अपने संस्कार और अच्छे विचारों से बहुत कुछ दे सकते हैं कहने का मतलब सिर्फ इतना है अगर आप जीवन में किसी उत्पत्ति की संगत करते हैं तो एक दिन उसी की संगत में रंग जायेगे अगर आप किसी बिजनेसमैन की संगत करते हैं तो उसके विचार और संस्कार आपके अंदर भी आ जायेगे और अगर आप किसी गुरु की संगत करते हैं तो आप में अच्छे विचार अच्छे संस्कार भक्ति भाव आना स्वाभाविक है उनके अनुकूल आपके जीवन का काया पलट होना संभव है क्योंकि जो खुद भक्ति में ली है वह आपको भगवान का पथ ही दिखा सकता है और धर्म कर्म के माध्यम से आपका मानव जीवन सार्थक कर सकता है।