तृष्णा से तर्पण तक ही जीवन बाकी सब मिथ्या-महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज

हरिद्वार 19 अगस्त 2023 को हरिद्वार श्री प्रेम गिरी बनखंडी आश्रम कांगड़ी में अपने श्री मुख से भक्तजनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा तृष्णा और तर्पण के बीच का सफर बड़ा ही महत्वपूर्ण है मन में अगर हरि मिलन की तृष्णा है तो यही तर्पण का मार्ग है इसके बीच जो भी मनुष्य गतिविधि करता है चाहे वह भोग हो योग हो कर्म हो यह सब विधि का विधान है इस जीवन का आधार है अगर अपने लिखे कर्मों को भोगे बिना तर्पणतृष्णा से तर्पण तक ही जीवन बाकी सब मिथ्या महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज की ओर बढ़ भी गए तो फिर भोग भोगने के लिए वापस आना होगा मनुष्य यह सोचता है की अगर अच्छे कर्म करेगा तो जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिलेगी तो यह संभव नहीं जहां जन्म है वहां मरण है यही सृष्टि का चक्र है हम उसके पात्र हैं हमें अपने लिखे विधान के अनुसार कर्म करने और कर्म भोगने के लिए आना ही होगा जन्म तृष्णा भोग योग और कर्म यही जीवन की सच्चाई है जितना बचेंगे उतनी बार ही उन्हें भोगने के लिए आना होगा इसलिए अपने कर्मों के भोग अवश्य भोगे अन्यथा पुनः उन्हें भोगने आना पड़ेगा गुरु ही इस जीवन को आधार दिखाने की युक्ति बता सकते हैं गुरु ही इस जीवन जीने की सही राह दिखा सकते हैं।