10 November 2025

सनातन हमारे जीवन की सबसे बहुमूल्य निधि है जो हमारे शरीर के रोम रोम में बसा है श्री महंत योग गुरु डॉ साधनानन्द महाराज

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सम्पादक प्रमोद कुमार

हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद) झालावाड़ गुजरात आश्रम गली नंबर 5 हरिपुर कला मे अपने श्री मुख से भक्तजनों पर ज्ञान की पावन वर्षा करते हुए अनंत विभूषित प्रातः स्मरणीय योग श्री महंत साधनानन्द महाराज ने कहा सनातन एक ऐसी संस्कृति है जिसमें ढलने के लियें एवं उसके रंग में रंग जाने के लिए आज संपूर्ण विश्व आतुर है सनातन भगवान श्री राम द्वारा स्थापित परंपरा है जो अनादि काल से चली आ रही है सनातन हमारे खून में बसता है हमारी रगों में हमारे रक्त नलिकाओं में सनातन प्रवाहित होता है हमारे शरीर के रोम रोम में सनातन बसा है सनातन केवल संस्कृति ही नहीं सनातन भक्ति का मार्ग है सनातन कल्याण का मार्ग है और सनातन इस मानव जीवन को सार्थक करने का मार्ग है इस अवसर पर समाज को निरोगी करने के लियें महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए परम पूज्य श्री महंत योग गुरु डॉ साधनानंद जी महाराज ने बताया पश्चात संस्कृति का भोजन हमारी पाचन तंत्र को बिगड़ रहा है उस पर कुठाराघात कर रहा है इसलिये स्वस्थ आहार ले अन्यथा आप अपनी पाचन क्रिया को बिगाड़ कर तरह-तरह के रोगों को अपने शरीर के अंदर पनपने का अवसर दे रहे हैं गलत आहार हमारी छोटी नली और बड़ी नली मे नुकसान करने के साथ-साथ हमारे लीवर को भी खराब करते हैं अपने लीवर को ठीक करने के लिए आयुर्वेद का सहारा लेकर एक स्वस्थ जीवन का निर्माण करना चाहिये हमने देखा है कि हमारे आसपास घरों के आसपास नालियों के आसपास एक जड़ी पुनर्वा घास खड़ी रहती है उसे उखाड़ कर अच्छी तरीके से साफ कर पानी में खूब अच्छी तरीके से उबले और छान कर नियमित उसका उपयोग करें उससे आपका लीवर पूरी तरह से विकृतियों से मुक्त हो जाएगा

 

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