1 September 2025

श्री गुरु रविदास लीला समिति रजि.के आरती वंदन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.विशाल गर्ग वरिष्ठ समाजसेवी ने 65वें वार्षिकोत्सव समारोह का शुभारंभ किया

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प्रमोद कुमार हरिद्वार 

हरिद्वार,श्री गुरु रविदास लीला समिति मौ.कडच्छ ज्वालापुर हरिद्वार का 65वां वार्षिकोत्सव समारोह गुरु रविदास महाराज के 647वें जन्मोत्सव पर रंग मंच पर स्थानीय कलाकारो द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। लीला मे ईश्वर ज्ञानी परम संत शिरोमणी गुरु रविदास महाराज के जन्मदिवस की आकर्षक लीला देखकर दर्शको को सुन्दर लगा।

 

गुरु रविदास लीला समिति रजि.के आरती वंदन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.विशाल गर्ग वरिष्ठ समाजसेवी,सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी भाजपा हरिद्वार द्वारा श्री गुरु रविदास लीला के 65वें वार्षिकोत्सव समारोह का शुभारंभ किया,श्री गुरु रविदास लीला समिति के समस्त सदस्यो एवं समाज के गणमान्य व्यक्तियो ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

इस अवसर डाॅ. विशाल गर्ग वरिष्ठ समाजसेवी सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी भाजपा ने संत शिरोमणि गुरु रविदास जी बारे मे बताया कि एक दिन संत रविदास अपनी झोपड़ी में बैठे प्रभु का स्मरण कर रहे थे। तभी एक राहगीर ब्राह्मण उनके पास अपना जूता ठीक कराने आया! रविदास ने पूछा कहां जा रहे हैं, ब्राह्मण बोला गंगा स्नान करने जा रहा हूं। जूता ठीक करने के बाद ब्राह्मण द्वारा दी मुद्रा को रविदास जी ने कहा कि आप यह मुद्रा मेरी तरफ से मां गंगा को चढ़ा देना। ब्राह्मण जब गंगा पहुंचा और गंगा स्नान के बाद जैसे ही ब्राह्मण ने कहा- हे गंगे रविदास की मुद्रा स्वीकार करो,तभी गंगा से एक हाथ आया और उस मुद्रा को लेकर बदले में ब्राह्मण को एक सोने का कंगन दे दिया।

ब्राह्मण जब गंगा का दिया कंगन लेकर वापस लौट रहा था,तब उसके मन में विचार आया कि रविदास को कैसे पता चलेगा कि गंगा ने बदले में कंगन दिया है, मैं इस कंगन को राजा को दे देता हूं, जिसके बदले मुझे उपहार मिलेंगे। उसने राजा को कंगन दिया, बदले में उपहार लेकर घर चला गया। जब राजा ने वो कंगन रानी को दिया तो रानी खुश हो गई और बोली मुझे ऐसा ही एक और कंगन दूसरे हाथ के लिए चाहिए। राजा ने ब्राह्मण को बुलाकर कहा वैसा ही कंगन एक और चाहिए, अन्यथा राजा के दंड का पात्र बनना पड़ेगा। ब्राह्मण परेशान हो गया कि दूसरा कंगन कहां से लाऊं? डरा हुआ ब्राह्मण संत रविदास के पास पहुंचा और सारी बात बताई। रविदास जी बोले कि तुमने मुझे बिना बताए राजा को कंगन भेंट कर दिया, इससे परेशान न हो। तुम्हारे प्राण बचाने के लिए मैं गंगा से दूसरे कंगन के लिए प्रार्थना करता हूं।

उन्होंने बताया कि  ऐसा कहते ही रविदासजी ने अपनी वह कठौती उठाई, जिसमें वो चमड़ा गलाते थे, उसमें पानी भरा था। रैदास जी ने मां गंगा का आह्वान कर अपनी कठौती से जल छिड़का, जल छिड़कते ही कठौती में एक वैसा ही कंगन प्रकट हो गया। रविदास जी ने वो कंगन ब्राह्मण को दे दिया। ब्राह्मण खुश होकर राजा को वह कंगन भेंट करने चला गया। तभी से यह कहावत प्रचलित हुई कि ‘मन चंगा, तो कठौती में गंगा’।

श्री गुरु रविदास लीला समिति रजि.मौ.कडच्छ ज्वालापुर हरिद्वार के समस्त पदाधिकारियो द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर समिति के महामंत्री योगेंद्र पाल रवि ने कहा कि संत गुरु रविदास जी भारत के महान संतों में से एक हैं जिन्होंने अपने जीवन के दौरान समाज को सुधारने के लिए अपने जीवन का समर्पण किया। उन्होंने समाज में जाति विभेद को खत्म करने के लिए अपनी शिक्षाओं और विचारों का प्रचार किया। संत रविदास भक्ति में लीन तो रहते ही थे लेकिन साथ ही वह बहुत बड़े समाज सुधारक भी थें.उन्होंने अपनी शिक्षाओं और उपदेश से लोगों के जीवन को समृद्ध बनाया है और लोगों के जीवन जीने के गुर सिखाए हैं.

इस अवसर समिति के कोषाध्यक्ष राजन कुमार ने कहा कि संत रविदास जी महाराज ने जातिवाद से ऊपर उठकर कार्य किया है। वे एक दार्शनिक भी थे। उन्होंने लोगों को भक्ति मार्ग पर चलकर लोगों को ईश्वर को प्राप्त करने की सीख दी। उनकी रचना में प्रभु के प्रति प्यार दिखता है। आज भी उनके वचन, दोहे और रचनाएं प्रेरणादायक हैं। खासकर युवाओं को जीने की सीख देते हैं।

श्री गुरु रविदास लीला समिति रजि.के कार्यक्रम मे मुख्य रूप से रवि प्रकाश संयोजक,अशोक हरदयाल सह संयोजक, श्यामल प्रधान अध्यक्ष,शिव पाल रवि उपाध्यक्ष,योगेंद्र पाल रवि महामंत्री, राजन कुमार कोषाध्यक्ष, अरविन्द नौटियाल उप कोषाध्यक्ष,किरण पाल आडीटर,तीर्थ पाल रवि,अशोक कुमार, देवानंद,डेविड मुखिया,मोदीमल तेगवाल, विजय पाल सिंह,मेहरचंद,जयन्ती भूषण,रमेश भूषण, कमाल सिंह, विशाल मुखिया,कुशल पाल सिंह, किशनचंद,आशीष कुमार, किशोर पाल,ब्रजेश कुमार, डॉ. देशराज, विजयपाल, अजय मुखिया ,रक्षक लाम्बा,विनोद कुमार,गोपाल सिंह,योगेश कुमार,पवन दबौड़िए ,दीपांशु, अभिषेक कुमार, अमरदीप, संदीप, महीपाल सिंह, सतीश कुमार, नवीन कुमार धर्मपाल सिंह आदि सैकड़ो महिलाए पुरूष बच्चे उपस्थित हुए और पुण्य के भागी बने।लीला समिति का सफल संचालन योगेंद्र पाल रवि द्वारा किया गया।

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