हलाल नियंत्रण मंच के प्रांत उपाध्यक्ष ने नगर निगम हरिद्वार की मेयर श्रीमती अनिता शर्मा से हलाल प्रमाणित वस्तुओं को बैन करने की मांग की ।

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हरिद्वार 03 जून 2023 को हलाल नियंत्रण मंच के प्रांत उपाध्यक्ष ने नगर निगम हरिद्वार की मेयर श्रीमती अनिता शर्मा से हलाल प्रमाणित वस्तुओं को बैन करने की मांग की ।
हलाल नियंत्रण मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा एडवोकेट ने नगर निगम हरिद्वार को पत्र लिखकर नगर निगम हरिद्वार में हलाल प्रमाणित वस्तुओं को प्रतिबंधित करने की मांग की उन्होंने कहा कि हलाल नियन्त्रण मंच उत्तराखण्ड प्रान्त के माननीय अध्यक्ष महोदय श्रीमान अरविन्द कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट द्वारा निर्देशित किये जाने पर उन्होंने यह पत्र प्रेषित किया है। अशोक शर्मा ऐडवोकेट ने बताया कि हरिद्वार नगरी एक पौराणिक नगर है, जो कि विश्व में निवास करने वाले समस्त सनातनियों की आस्था का केन्द्र है। जिसमें समस्त सनातनी अपनी श्रद्धाभाव से माँ गंगा में स्नान करने हेतु यात्रा के लिये आते हैं। कुछ असंवैधानिक संस्थाएं हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं तथा कम्पनियों पर यह कहकर दबाव बनाया जा रहा है कि “यदि तुम अपने प्रोडक्ट को हमसे हलाल प्रमाण पत्र नहीं लोगे तो तुम्हारा कोई भी प्रोडक्ट मुस्लिम भाई बहन नही खरीदेगा। इस प्रकार से हलाल प्रमाण पत्र जारी करने वाली असंवैधानिक कम्पनियों को ब्लैकमेल कर अवैध हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं. और ऐसे प्रोडक्ट हरिद्वार नगर निगम में खुलेआम बिक रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हलाल से अर्थ है कि मुस्लिमों के लिये खाने या उपयोग करने योग्य वस्तुए व खाद्यय पदार्थ, यहां पर उल्लेखनीय यह है कि जो खाद्यय पदार्थ मुस्लिमों के लिये उपयोग हेतु उपयुक्त होते हैं, वह खाद्यय पदार्थ एवं वस्तुए अधिकाशंतः सनातन धर्म के मानने वालों के लिये अस्वीकार होते हैं। ऐसे ही हलाल प्रमाणित वस्तुएं एवं
खाद्यय पदार्थ सनातन धर्म के मानने वालों के लिये अस्वीकार है। क्योंकि हलाल प्रक्रिया में यह जो तरीके इस्तेमाल होते हैं, उसमें आम चलन में यह बात है कि उसमें मौलवी के थूक का इस्तेमाल किया जाता है जो कि किसी भी सूरत में स्वीकार करने योग्य नही है जिसे हरिद्वार में प्रतिबन्धित किया जाना सनातन धर्म के मानने वालों के लिये न्याय संगत होगा। क्योंकि हलाल प्रमाणित वस्तुएं सनातन धर्म व इस्लाम को न मानने वाले व्यक्तियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है।
अशोक कुमार शर्मा ने आगे यह भी बताया कि यदि नगर निगम हरिद्वार ने उनका निवेदन स्वीकार नहीं किया तो उन्हें मजबूरन न्यायालय की शरण लेनी पड़ेगी ।

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