गंगा की तलहटी में गीता कुटिया के सामने से हर की पैड़ी के सामने तक आखिर नियम विरुद्ध जाकर कैसे बसा एक नया शहर

हरिद्वार में हरिद्वार गीता कुटीर के सामने बने बंदे से लेकर हर की पौड़ी के सामने तक बंदे के उसे पर गंगा की तलहटी में मे आखिर कैसे और किस नियम से बसा है बड़े-बड़े अपार्टमेंट होटल लाज घर का यह शहर गंगा के किनारे इस प्रकार के अनधिकृत निर्माणो को आखिर किसने दी अनुमति अगर गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता है और गंगा उफान पर आती है तो हजारों जिंदगियां तबाह हो सकती है सरकार प्रशासन और सिंचाई विभाग की इस लापरवाही से गंगा किनारे बने यह होटल अपार्टमेंट घर लाजघाट तथा अन्य आशियाने बड़े-बड़े विशालकाय आश्रम एक बहुत बड़ी विपत्ति को आमंत्रण दे सकते हैं यह बड़े ही अचरज की बात है की सरकारी जमीनों पर गंगा तथा नदियों के तटो तक को अपने स्वार्थ की बलि चढ़ा देते हैं अपार्टमेंट घर होटल लॉज तथा आश्रम कुटिया बनाने वाले लोग सरकारी जमीनों का बखूबी दुरुपयोग करते हैं कोई छोटी कुटिया नहीं 50-50 सो सो कमरों के बड़े-बड़े आशियाने गंगा की तलहटी में बनाकर खूब मौज काट रहे।