गुरु के अमृत रूपी ज्ञान की गंगा में गोते लगाने वाले भक्तों के जीवन धन्य हो जाते हैं महामंडलेश्वर परम पूज्य संजय गिरी जी महाराज

हरिद्वार गुरु के अमृत रूपी ज्ञान की गंगा में गोते लगाने वाले भक्तों के जीवन धन्य हो जाते हैं महामंडलेश्वर परम पूज्य संजय गिरी जी महाराज मुंबई मे भक्त जनों के बीच अपने श्री मुख से उदगार व्यक्त करते हुए जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर परम पूज्य श्री संजय गिरी जी महाराज ने कहा गुरु ज्ञान की वह गंगा होते हैं जिनके ज्ञान रूपी गंगा में स्नान करने के बाद भक्तों का जीवन धन्य और कृतार्थ हो जाता है गुरु ही हमारे सच्चे मार्गदर्शक होते हैं गुरु अपने भक्तों को उंगली पड़कर भवसागर पार कर देते हैं जो गुरु की नैया में सवार होते हैं वही भक्त भवसागर पार होते हैं मेरे परम पूज्य गुरुदेव 1008 श्री श्री प्रेम गिरि जी महाराज अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष जूना अखाड़ा परम पूज्य गुरुदेव अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री हरि गिरि जी महाराज साक्षात ईश्वर की प्रतिमूर्ति हैं उनके ज्ञान रूपी गंगा में स्नान कर हम सभी भक्तगण अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ करते हैं इस संसार में गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार है जब इस पृथ्वी पर भगवान श्री राम अवतरित हुए तो उन्हें भी गुरु के सानिध्य की आवश्यकता पड़ी गुरु के रूप में अवतरित हुए तो उन्हें भी गुरु के सानिध्य की आवश्यकता पड़ी गुरु के बिना कल्याण संभव नहीं गुरु के बिना गति संभव नहीं गुरु के बिना सत्य का मार्ग मिल पाना संभव नहीं तो हे भक्तगणु गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार है गुरु ही हमारे सच्चे मार्गदर्शक हैं