हरिद्वार में FDA की जीरो टोलरेंस नीति के तहत एक के बाद एक फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसता जा रहा है-अनीता भारती

सम्पादक प्रमोद कुमार
हरिद्वार,हरिद्वार में FDA की जीरो टोलरेंस नीति के तहत एक के बाद एक फार्मा कंपनियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। अपर आयुक्त ताजबर सिंह के निर्देश पर जिन कंपनियों पर स्टॉप प्रोडक्शन लगाया गया है, उन पर अब पैनी निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई भी चोरी-छिपे दवाओं का निर्माण न कर सके। अगर कोई ऐसा करता पकड़ा गया, तो सीधे लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी।
 
इसी अभियान के तहत सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती अपनी टीम के साथ लगातार एक्शन मोड में हैं।
पहले सुरक्षा फार्मा पर गिरी गाज, जिसे CDSO और राज्य औषधि विभाग ने स्टॉप प्रोडक्शन का आदेश देकर चेतावनी दी थी। अब वहां निर्माण कार्य के बीच कमियां दुरुस्त की जा रही हैं।
इसके बाद THRIPT फार्मा का भी औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में कुछ मामूली खामियां मिलीं, जिन्हें सुधारने के निर्देश दिए गए।
लेकिन असली हैरानी तो तव हूई जव US & VG हेल्थकेयर कंपनी मे टीम वहां पहुंची ,तो पाया बाहर कोई बोर्ड तक नहीं लगा था। संदेह के चलते अनीता भारती ने प्लांट का निरीक्षण करने की कोशिश की, लेकिन गेट के अंदर से ताले जड़े मिले!
तुरंत पुलिस को बुलाया गया, ताले खुलवाऐ गए और जैसे ही टीम अंदर पहुंची—पर्दाफाश हुआ!
प्लांट के अंदर न कोई योग्य केमिस्ट, न गुणवत्ता नियंत्रण, और न ही दवाओं की उत्पादन प्रक्रिया GMP के मानकों पर खरी उतरी।
ISO और GMP सर्टिफिकेट होने के बावजूद, नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से दवाइयां बनाई जा रही थीं।
मौके पर ही दवाओं की सप्लाई पर रोक लगा दी गई और कंपनी को तुरंत स्टॉप प्रोडक्शन के आदेश जारी कर दिए गए।
FDA ने साफ किया है कि इस तरह की लापरवाही अब बिल्कुल नहीं चलेगी। दवा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा, और अगर कोई नियमों से खेलेगा, तो सीधे लाइसेंस की छुट्टी कर दी जाएगी।
अब देखना ये है कि अगली बारी किसकी?
FDA की टीम का ऑपरेशन अभी जारी है और फार्मा इंडस्ट्री में हड़कंप मचा है!