विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 10 अक्टूबर पर एम्स में आयोजित हुआ कार्यक्रम

सम्पादक प्रमोद कुमार
हरिद्वार 10 अक्टूबर 2025,विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के मनोचिकित्सा विभाग द्वारा कॉलेज ऑफ नर्सिंग के सहयोग से जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। “मानवीय आपातकाल में मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर आधारित इस कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया।
 
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह के मार्गदर्शन में संचालित सप्ताह व्यापी आयोजन में एम्स में इन दिनों विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को इस श्रृंखला में विशेष गोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी में वक्ताओं ने मानवीय आपातकाल और आपदा परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि संस्थान की डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने आपदा के दौरान इमरजेंसी विभाग की भूमिका और ऐसे समय में डॉक्टर एवं मरीज दोनों की मानसिक स्थिति पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आपदा के समय मनोचिकित्सक आघात के बोझ को कम करने और उससे उबरने के प्रयासों में विशेष भूमिका निभाते हैं। मनोचिकित्सा विभाग के डॉ. विशाल धीमान ने “साइकोलॉजिकल फर्स्ट ऐड” की अवधारणा और आपदा प्रबंधन में इसकी उपयोगिता पर चर्चा की। जबकि इसी विभाग के डॉ. जितेन्द्र रोहिला ने आपदा के दौरान मनोचिकित्सकीय समस्याओं और उनके समाधान पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ. विघ्नन कप्पागनतु ने इमरजेंसी मेडिसिन की दृष्टि से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी तत्कालीन चुनौतियों पर प्रकाश डाला। गोष्ठी को संबोधित करते हुए नर्सिंग कॉलेज के फैकल्टी सदस्यों ने आपदाकाल में मानसिक स्वास्थ्य पर नर्सिंग सेवाओं की भूमिका और ऐसे कारकों पर विचार साझा किए जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इस दौरान डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में कॉलेज ऑफ नर्सिंग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जेवियर बेल्सी सी, सह-आचार्य डॉ. मलार कोटी, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट सुश्री प्रिया सिंह, मनोचिकित्सा विभाग के डॉ. सचिन कुमार द्विवेदी, नर्सिंग ट्यूटर सुश्री जी.वी. अन्नपूर्णा, डाॅ. आनन्द सिंह राठौर, डाॅ. सचिन कुमार द्विवेदी एवं श्री मुकेश कुमार सहित डॉ. स्वस्तिका, डॉ. भूमा, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. दिनेश चंदेला, डॉ. हर्षित और डॉ. आर्निका उपस्थित रहे।