मन के बहाव में बहना ठीक नहीं मन पवन के वेग से भी तेज दौड़ता है जीवन में धैर्य धारण करना नितांत आवश्यक श्री श्री आनंदमयी साधना मां

सम्पादक प्रमोद कुमार
हरिद्वार 23 अप्रैल 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानंद) दक्ष रोड कनखल स्थित श्री श्री आनंदमयी कविता मां श्री माधव आश्रम में अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए श्री श्री आनंदमयी साधना मां ने कहा जीवन में धैर्य धारण करने का भी एक विशेष महत्व है किसी भी कार्य में बिना सोचे समझे गंभीरता से विचार किया जाना आवश्यक है जल्दबाजी में किसी भी मामले में प्रतिभा नहीं करना चाहिये क्योंकि जो लोग मन के बहकावे में आकर मन के बहाव में मन के वसी भूत होकर रहते हैं उनका जीवन सदैव दिक्कतों से घिरा रहता है मन की इंद्रियों के घोड़े पवन वेग से भी तेज दौड़ते हैं और तेजी किसी भी कार्य में ठीक नहीं होती जल्दबाजी में लियें गये निर्णय कई विवादों को जन्म दे सकते हैं जीवन में असंतोष फैला सकते हैं इसलिये किसी भी कार्य को करने से पूर्व उसका अलग-अलग माइने से तथा गंभीरता से सोच विचार आवश्यक होता है किंतु धर्म कर्म दान सत्कर्म और ईश्वर भक्ति जब मन करे तब कर सकते हैं किंतु बाकी सब में मन के बहकावे में न आये जीवन में धिरता तथा धैर्य का धारण करना आवश्यक होता है और स्वभाव में निर्मलता होने के साथ-साथ गंभीरता होना भी आवश्यक है।