हरि के द्वार में आना और पतित पावनी मां गंगा में डुबकी लगाना संत रूपी ज्ञान की गंगा में गोते लगाना बड़े ही सौभाग्य की बात महामंडलेश्वर नवल किशोर दास

सम्पादक प्रमोद कुमार
हरिद्वार 30 अप्रैल 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द ) भूपतवाला भारत माता पुरम स्थित श्री हनुंमत धाम के स्थापना दिवस के अवसर पर एक विशाल संत समागम आश्रम में आयोजित किया गया जिसमें हरिद्वार के सभी अखाड़े आश्रम मठ मंदिरों के संत महापुरुषों ने भाग लिया इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री नवल किशोर दास जी महाराज ने कहा हरिद्वार नगरी हरि का द्वार है यहां मां भागीरथी की पावन धरा भक्तो के कल्याण तथा पितरों के तर्पण हेतु प्रवाहित हैं मां गंगा में स्नान करने मात्र से जन्मो जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं और पुनीत फलों की प्राप्ति होती है हरिद्वार चारों धाम का द्वार भी है यहाँ कदम कदम पर मठ मंदिर और आश्रमों से सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के साथ-साथ आध्यात्मिक का शंखनाद होता है आध्यात्मिक नगरी हरिद्वार में कदम कदम पर धर्म गुरुओं के डेरे हैं जहां से निरंतर ज्ञान की गंगा प्रवाहित होती है जिसमें भक्त गोते लगाकर अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ करते हैं इस अवसर पर बोलते हुए महंत राम लखन दास महाराज ने कहा संत महापुरुषों के श्री मुख से निकलने वाला ज्ञान भक्तों के भाग्य का उदय कर देता है और उनके मानव जीवन को सार्थक कर देता है इस अवसर पर महामंडलेश्वर श्री देवानन्द महाराज महंत श्री विष्णु दास जी महाराज स्वामी गोपाल दास महाराज महंत कैलाशानंद महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तगण उपस्थित थे सभी ने आयोजित भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया।