पतंजलि योगपीठ में जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया आचार्य बालकृष्ण जी का जन्मदिवस-स्वामी रामदेव

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सम्पादक प्रमोद कुमार

जड़ी-बूटियाँ मात्र उपचार के लिए नहीं अपितु आत्म साक्षात्कार के लिए भी हेतु हैं : स्वामी रामदेव

 

जड़ी-बूटी दिवस सम्पूर्ण मानवता के जीवन को बचाने का एक उपक्रम है : आचार्य बालकृष्ण

• आचार्य जी द्वारा रचित 11 ग्रंथों का विमोचन

• रक्तदान शिविर में स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के साथ लगभग 450 लोगों ने किया रक्तदान

• 588 लोगों का निःशुल्क नेत्र परीक्षण तथा 207 लोगों को दिए गए निःशुल्क चश्मे

• 470 लोगों का निःशुल्क दंत परीक्षण तथा निःशुल्क डेंटल किट वितरण

• पतंजलि योग समितियों के माध्यम से देश के लगभग सभी जिलों में तहसील, ब्लॉक व ग्राम स्तर पर किया गया जड़ी-बूटियों का नि:शुल्क वितरण

 

हरिद्वार, 04 अगस्त : पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी का जन्मदिवस पतंजलि वैलनेस, पतंजलि योगपीठ-2 के योगभवन सभागार में जड़ी-बूटी दिवस के रूप में मनाया गया। जड़ी-बूटी दिवस के अवसर पर स्वामी रामदेव जी व आचार्य बालकृष्ण जी ने उपस्थित जनसमूह को स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार, स्वस्थ समाज, स्वस्थ राष्ट्र व स्वस्थ विश्व के लिए वृक्षारोपण हेतु संकल्पित कराया। स्वामी जी व आचार्य जी ने स्वयं रक्तदान व वृक्षारोपण कर जनसामान्य को प्रेरित किया।

कार्यक्रम में स्वामी रामदेव जी महाराज ने आचार्य जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आचार्य जी का जन्मदिवस मनाना तो मात्र एक बहाना है, इसका मुख्य उद्देश्य भारत माता के प्रत्येक घर में ही नहीं सम्पूर्ण धरती माता के आँगन में जड़ी-बूटियाँ शोभायमान हों और सम्पूर्ण मानवता उनसे स्वास्थ्य व सुख पाएँ। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटियाँ प्रकृति-परमेश्वर के अनुग्रह को अनुभव करने का एक माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि जड़ी-बूटियाँ मात्र उपचार के लिए ही नहीं अपितु आत्म साक्षात्कार के लिए भी हेतु हैं। स्वामी जी ने कहा कि अपने ऋषियों की विरासत को गौरव के साथ प्रतिष्ठापित करने वाले आचार्य जी इस अखंड-प्रचंड पुरुषार्थ के जीवंत प्रतिमान हैं। पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल, योगग्राम, पतंजलि वेलनेस आदि पतंजलि के विभिन्न सेवा परिसरों में आचार्य जी का बहुत बड़ा तप निहित है। पूज्य आचार्य जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन लोकहित में समर्पित कर दिया है। इनका जीवन एक प्रेरणा है कि हमें अखंड-प्रचंड पुरुषार्थ करते हुए अपने पूर्ण ज्ञान, भक्ति व पुरुषार्थ से प्रत्येक कार्य को भगवान का अराधन मानकर अपने जीवन की आहुति भारत माता, मानवता, प्रकृति, संस्कृति की सेवा के लिए समर्पित करनी है। इसके जीवंत प्रतिमान तथा साक्षात विग्रहवानरूप श्रद्धेय आचार्य जी हैं।

कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि जड़ी-बूटियां हमसे नहीं हैं अपितु जड़ी-बूटियों से हम हैं। हमें अपने जीवन की रक्षा करनी है तो जड़ी बूटियों काे बचाना जरूरी है। इसलिए पतंजलि का जड़ी-बूटी दिवस सम्पूर्ण मानवता के जीवन को बचाने का एक उपक्रम है, जड़ी बूटियां नही होंगी, पेड़ पौधे नहीं होंगे, तो मानव का जीवन का अस्तित्व भी नहीं रह सकता। आचार्य जी ने कहा कि जन्मदिन तो मात्र बहाना है, जब हम रात्रि विश्राम करके प्रातःकाल उठते हैं तो नूतन ऊर्जा के साथ, नूतन सूर्योदय के साथ, नवजीवन के साथ हम प्रतिदिन अवतरित होते हैं। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ से जुड़े हमारे लाखों-लाखों परिवार के साथ देश व दुनिया में लाखों करोड़ों लोग जड़ी बूटियां लगाकर इस उत्सव को मनाते हैं। उन्होंने सम्पूर्ण देशवासियों से आह्वान किया कि अधिक से अधिक संख्या में जड़ी-बूटियाँ रोपित कर स्वास्थ्य व पर्यावरण की रक्षा करें।

कार्यक्रम में आचार्य जी द्वारा रचित 11 पुस्तकों का विमोचन किया गया। जिनमें सर्वप्रथम सौमित्रेय पादपनिरुक्तम् का विमोचन किया गया जो 150 से अधिक आयुर्वेदीय ग्रंथों तथा पांडुलिपियों के संदर्भों से प्रमाणित है। यह ग्रंथ आज देश के लिए, राष्ट्र के लिए, विश्व की सेवा में अर्पित किया गया। इसके साथ-साथ भारतीय चिकित्सा पद्धतियों, रोगों तथा दवा के नाम पर बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की लूट पर आधारित ग्रंथों- एलोपैथी चिकित्सा पद्धति एवं स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का षड्यंत्र, भारतीय चिकित्सा संघ के अनैतिक आचरण का पर्दाफाश उपचार का नकारात्मक पहलू, असुरक्षित स्वास्थ्य प्रणाली स्वास्थ्य सेवा में षड्यंत्र, धोखाधड़ी और घोटाले, जीवन रक्षक या मृत्युकारक? आधुनिक दवाओं का नकारात्मक पक्ष, हाॅलिस्टिक हेल्थ : लॉ एण्ड फैक्ट्स समग्र (स्वास्थ्य कानून एवं तथ्य), वर्ल्ड हर्बल रेमेडिज पार्ट-1 डायबिटिज, वर्ल्ड हर्बल रेमेडिज पार्ट-2 डेंगू, वर्ल्ड हर्बल रेमेडिज पार्ट-3 टयूबरक्लोसिस, वर्ल्ड हर्बल रेमेडिज पार्ट-4 एच.आई.वी., वर्ल्ड हर्बल रेमेडिज पार्ट-5 टाइफाइड, वर्ल्ड हर्बल रेमेडिज पार्ट-6 मलेरिया का भी विमोचन किया गया।

इस अवसर पर पतंजलि याेग समिति के लाखों कार्यकर्ताओं ने जिला, तहसील, ब्लाक व ग्राम स्तर पर घर-घर में नि:शुल्क तुलसी, गिलोय, एलोवेरा, अश्वगंधा, नीम आदि वितरित तथा रोपित किए। भारत के साथ-साथ नेपाल, यू.के. आदि में औषधियों की उपलब्धता के आधार पौधे वितरित किए गए।

पूर्वजों से प्राप्त अपने सनातन, सांस्कृतिक शाश्वत तत्वों को जीवन में आत्मसात कर जगत के कल्याण के लिए पूज्य आचार्यश्री ने 50 वर्षों से अधिक तप एवं पुरुषार्थ किया है जो हम सभी के लिए सदैव प्रेरणा देता रहेगा।

पतंजलि रिसर्च फाउण्डेशन के दिशानिर्देशन में रक्तदान, नेत्र परीक्षण एवं दंत परीक्षण शिविर संचालित किए गए। एम्स ऋषिकेश तथा हिमालयन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक की टीम ने रक्तदान शिविर लगाया जिसमें लगभग 450 यूनिट स्वैच्छिक रक्तदान किया गया। लगभग 588 लोगों ने नेत्र जाँच कराई तथा 207 लोगों काे निःशुल्क चश्मों का वितरण किया गया। साथ ही पतंजलि दंत चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र के माध्यम से लगभग 470 लोगों की निःशुल्क दंत परीक्षण व चिकित्सा कर निःशुल्क डेंटल किट वितरण की गई। भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के तत्वाधान में नीम, तुलसी, एलोवेरा, लौंग तुलसी, आंवला आदि का निःशुल्क वितरण किया गया।

इसके उपरांत पतंजलि विश्वविद्यालय के बृहद् सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के विद्यार्थियों ने मोहक प्रस्तुतियाँ दीं। सायंकालीन सत्र में नाट्य प्रस्तुति ने उपस्थित गणमान्यों का मन मोह लिया।

कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ से सम्बद्ध सभी प्रकल्पों तथा शिक्षण संस्थानों के संन्यासीगण, ईकाई प्रमुख, अधिकारीगण, कर्मयोगी, शिक्षकगण तथा विद्यार्थियों ने आचार्य जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएँ प्रेषित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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