राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से आदर्श युवा समिति, हरिद्वार द्वारा जनजाति विकास निधि (टीडीएफ) परियोजना के अंतर्गत लाभार्थियों के साथ एक पेड़ माँ के नाम वृक्षारोपण का सफल आयोजन रसूलपुर मीठी बेरी में किया गया

सम्पादक प्रमोद कुमार
 
हरिद्वार राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से आदर्श युवा समिति, हरिद्वार द्वारा जनजाति विकास निधि (टीडीएफ) परियोजना के अंतर्गत लाभार्थियों के साथ एक पेड़ माँ के नाम वृक्षारोपण का सफल आयोजन रसूलपुर मीठी बेरी में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य जागरूकता तथा ग्रामीण समाज में सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना था। इस दौरान आम, अमरूद, लीची, नींबू, आंवला एवं नीम आदि के 200 पौधे लगाए गये।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि डी.डी.एम. नाबार्ड श्री अखिलेश डबराल ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। वृक्ष ही जीवन के आधार हैं और उनका संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए अमूल्य उपहार है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित और स्वच्छ वातावरण छोड़कर जाएँ।
आदर्श युवा समिति (आयुस) के अध्यक्ष श्री लखबीर सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल केवल वृक्षारोपण का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि समाज को प्रकृति से जोड़ने का एक आंदोलन है। आदर्श युवा समिति सदैव समाज एवं पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तत्पर रही है। ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान लोगों को अपनी मातृभूमि, संस्कृति और पर्यावरण के प्रति भावनात्मक रूप से जोड़ने का कार्य कर रहा है।
ग्राम प्रधान श्री कमलेश द्विवेदी ने भी अपने विचार साझा किए और कहा कि गाँव में ऐसे कार्यक्रम समाज को प्रेरणा देते हैं। यह न केवल गाँव के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण हैं] बल्कि लोगों के भीतर जागरूकता और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना भी उत्पन्न करते हैं।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणजन, लाभार्थी और गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन समिति के एडमिन मैनेजर श्री नितिन बडोनी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में परियोजना समन्वयक श्री विपिन कुमार, श्रीमती रेखा रानी, श्रीमती सीमा द्विवेदी, श्री दीपक सहित करूणा देवी, चन्द्रकला, सीता देव, सोनिया, प्रभा, विमला देवी, रोहित कुमार, विरेन्द्र, शिवलाल, सन्तूराम, राजेश, बिशनी, बसन्ती, रणजीत सिंह, जीवन सिंह, सरदार सिंह आदि अनेक सामाजिक कार्यकर्ता एवं महिलाओं की सक्रिय भागीदारी ने कार्यक्रम को सफल बनाया।