10 September 2025

भगवान श्री राम की महिमा बड़ी ही अपरंपार है जिसने एकांत चित होकर भगवान राम को भजा वह भवसागर पार हो गया श्री महंत प्रहलाद दास महाराज

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सम्पादक प्रमोद कुमार

हरिद्वार( वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानन्द) भूपतवाला रानी गली पीपल वाली गली स्थित श्री गुरु कृपा कुटीर में अपने श्री मुख से भक्तजनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए आश्रम के श्री महंत प्रहलाद दास महाराज ने कहा भगवान श्री राम की महिमा बड़ी ही अपरंपार है जिसने एकांत चित होकर भगवान राम का नाम लिया वह भवसागर पार हो गया कभी भटका हुआ मन एकाग्र नहीं हो सकता भक्ति एकांत चित होती है और जो एकाग्र नहीं है वह भक्ति कर ही नहीं सकता अगर कर भी रहा है तो उसकी भक्ति की आवाज भगवान श्री राम के चरणों तक नहीं पहुंचती भक्ति के लिये मन को एकांत चित करना पड़ता है अगर मन एकाग्र नहीं हो रहा है तो भटके हुए मन से कैसे भक्ति स्वीकार होगी भक्ति एकांत मांगती है चाहे पल भर का ही क्यों ना हो चाहे कुछ पल ही भगवान हरि का नाम सिमरन किया जाये किंतु पूर्ण समर्पण भाव के साथ वह भाव और भक्ति की आवाज सीधे भगवान श्री राम माता जानकी तक पहुंचती है प्रेम स्वार्थ वशीभूत होता है किंतु भक्ति सदैव समर्पण के वशीभूत होती है किंतु जो भगवान राम के हैं भगवान राम उनके मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कृपा अनंत है जो सच्चे मन से पुरी आस्था के साथ भगवान राम का भजन करते हैं उनका मानव जीवन धन्य तथा सार्थक हो जाता है तन मन पावन हो जाता है और उसके ज्ञान चक्षु खुल जाते हैं।

 

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