11 September 2025

भगवान तन की सुन्दरता नहीं मनुष्य के मन की सुंदरता उसके मन के भाव देखते हैं भगवान चढ़वे से नहीं सच्ची आराधना से प्रसन्न होते हैं महामंडलेश्वर श्री श्याम दास महाराज

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सम्पादक प्रमोद कुमार

हरिद्वार 11 सितंबर( वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद) भूपत वाला स्थित श्री हनुमान गुफा में सप्त सरोवर के सामने अपने श्री मुख से अनंत विभूषित परम त्याग तपस्वी ज्ञान मणि 1008 महामंडलेश्वर परम पूज्य श्याम दास जी महाराज ने भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए श्री राम महिमा का गुणगान करते हुए कहा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम इस सृष्टि के कण-कण में समाये हुए हैं वह आपके हृदय में भी हैं और मेरे हृदय में भी आवश्यकता है उन्हें सच्चे हृदय से पुकारने की जिसके हृदय में दूसरों के प्रति दया का भाव बसता है उसके हृदय में साक्षात भगवान राम समाये हुए हैं जिसके मन में प्रेम समाया हुआ है उसका हृदय राम की शरणागत है उसके शरीर के रोम रोम में राम समाये हुए हैं सुंदर भजन के माध्यम से कहा राम जी की महिमा है अगम अपार मर्यादा पुरुषोत्तम धाम के आधार इस दुनिया में और न दूजा स्वामी कोई हमारा है जो कुछ आज है मेरे पास है भगवान सब कुछ राम तुम्हारा है करुणा का जहां सागर बहता ऐसा हृदय तुम्हारा है ना मैं मांगू धन और दौलत जग मेरे किस काम का मेरी नैया को मेरे भगवान तुम ही एक किनारा हो इस मानव जीवन को सार्थक करने की कुंजी भगवान राम के नाम में समायी हुई है राम ही युक्ति राम ही मुक्ति राम करे उध्दार रे राम ही सूरत राम ही मूरत राम सक्ल संसार रे तुझ में राम मुझ में राम फिर कहां पगले ढूंढे राम भगवान राम माता जानकी सदैव दयावान लोगों के हृदय में वास करते हैं जिसके हृदय में दया का भाव बसा है जिसके हृदय में प्रेम बसा है जिसके हृदय में राम का भजन समाया हुआ है भगवान राम तो सदैव उसी के हृदय में वास करते हैं मेरे राम आयेंगे सीता संग आयेंगे भ्राता लक्ष्मण और हनुमान आयेंगे मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे राम आएंगे जिसके मन में यह भाव बसा है राम सदैव उसकी नैया पार लगाने के लिए अवश्य आते हैं अगर आवश्यकता है तो सच्चे मन से भगवान राम को पुकारने भगवान राम में आस्था की जिनकी आस्था सच्ची है भगवान राम कभी उसकी उम्मीदों की डोर तोड़ते नहीं भगवान तो सदैव भक्तों से मिलने के लिये उत्सुक रहते हैं तुम उन्हें सच्चे हृदय से पुकारो तो सही सच्ची आस्था अपने मन में जगाओ तो सही भगवान तुम्हें मिलने के लिये दौड़े चले आयेगे राम से बड़ा राम का नाम भगवान राम से बड़ी भगवान राम नाम की महिमा है जब पत्थर पर लिखने से पत्थर तैर सकते हैं तो राम नाम की गाथा गाने से यह मनुष्य जीवन धन्य और सार्थक होने के साथ-साथ राम नाम की महिमा की नैया में सवार होकर भवसागर पार हो जायेगा भजन करने के लियें समय की आवश्यकता नहीं जब भी जहां भी समय मिले राम नाम की महिमा की माला मन ही मन फेरे और साबरी की तरह सबर रखें क्योंकि जो एकाग्र है उसके मन में सदैव धैर्य तथा संतोष धारण होना चाहिये मन की एकाग्रता राम भजन का प्रताप आपके मानव जीवन को सार्थक कर देगा परम तपस्वी ज्ञान मूर्ति परम तपस्वी ज्ञान मूर्ति महामंडलेश्वर श्याम दास महाराज ने कहा अगर मुक्ति चाहते हो तो युक्ति जय सियाराम जय जय सियाराम जय सियाराम जय जय सियाराम के नाम के जाप में छपी है जितना सुंदर आपका मन होगा जितने सुंदर आपके के विचार होंगे उतनी ही सरलता से आपके जीवन का उद्धार हो जायेगा भगवान महलों में नहीं झोपड़ी में बसे भक्तों के द्वारा जाना पसंद करते हैं भगवान श्री राम तरह-तरह के व्यंजन 56 भोग नहीं सूखी रोटी का भोग लगाने वालों के भोग को स्वीकार करते हैं भगवान राम ऊपरी मन से आराधना करने वालों को नहीं तन और मन से भगवान राम की आराधना करने वालों को पसंद करते हैं भगवान राम सब जानते हैं भगवान राम सभी जीवो मनुष्यों के साथ-साथ इस सृष्टि के कण-कण में समाये हुए हैं भगवान राम नहीं कहते की अपनी जिम्मेदारियों से विरक्त होकर अपने कर्तव्यों से विमुख होकर उनका भजन करें भगवान कुछ पल की सच्चे मन की आराधना से प्रसन्न हो जाते हैं भगवान राम बड़े ही दयालु हैं और भगवान राम को खुश करने से पहले उनके परम भक्त वीर बजरंगबली हनुमान को मानना पड़ता है राम भजन को आलसी भोजन को होशियार रे मानव ऐसे जीवन को बार बार धिकार जिस जिह्वा पर राम का नाम ना हो जी मन में राम नाम की सोचना हो ऐसे जीवन की हम कल्पना भी नहीं करना चाहते क्योंकि जो राम करे सो होय भगवान राम की भक्ति भगवान राम की कृपा से ही प्राप्त हो सकती है और उनकी कृपा सिर्फ दयाल मानवों पर बरसती मेरे भगवान राम बड़े ही कृपा निधान है उन्होंने कपट से राम नाम भजने वाले कालनेमी जो हनुमान जी को संजीवनी बूटी ले जाने से रोकना चाहते थे और पर्वतमालाओं के बीच राम नाम का सुंदर भजन गा रहे थे ताकि छल करके हनुमान जी को संजीवनी बूटी लेने के लियें पर्वत तक पहुंचने से रोकने के लियें भ्रमित करना चाहते थे और जब हनुमान जी को इस बात का बोध हुआ तो हनुमान जी की गधा के प्रहार से कालनेमी कल का ग्रास बन गये तब राम जी की कृपा से रात्रि में ही उस दुष्ट के लियें बैकुंठ के दरवाजे खोल दिये गये क्योंकि उसनेठ राक्षसी परवर्ती का होने के साथ-साथ भले ही छल से सही किंतु कुछ पल राम का नाम अपनी जिह्वा से जपा राक्षसी ताड़का ने हजारों मानव पशुओं जीवो की जीवन लीला समाप्त की गुरु की आज्ञा पाकर भगवान श्री राम ने ताड़का का वध किया उसने अंतिम समय में राम नाम का उच्चारण किया वह श्राप मुक्त होकर सुंदर नारी में तब्दील हो गई और उसे स्वर्ग से विमान लेने आया मेरे भगवान राम बड़े ही दयालु हैं बड़े ही कृपालु हैं वह महलों में नहीं गरीब की झोपड़ी में जाना पसंद करते हैं इसका उदाहरण माता शबरी का सब्र है उन्होंने गुरु की आज्ञा से लंबे समय तक राम नाम का जाप करते हुए फूलों से मार्ग को सजाये रखा निरंतर राम भजन गाती रही और फूलों से मार्ग सजाती रही एक दिन उनका सबर पूरा हुआ उन्हें दर्शन देने मेरे भगवान राम उनकी कुटिया में खुद पधारे जो राम नाम के रस में डूबा हुआ है उसे राम मेरे कृपा निधान एक दिन खुद भवसागर पार लगाने आते हैं।

 

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