विद्वान एवं तपस्वी संत थे ब्रह्मलीन स्वामी स्वतःप्रकाश महाराज-स्वामी सुरेश मुनि

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हरिद्वार, 13 अक्तूबर। ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी स्वतः प्रकाश महाराज की 38वीं पुण्यतिथी के अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी सुरेश मुनि महाराज के संयोजन में भूपतवाला स्थित स्वतःमुनि उदासीन आश्रम में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत सप्ताह भक्ति ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ पर भव्य कलश शोभायात्रा का आयोजन किया गया। गंगा तट से आश्रम से निकाली गयी कलश शोभा यात्रा में बडी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हुए। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी सुरेश मुनि महाराज ने कहा कि अनेक गीता भवनों की स्थापना करने वाले ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी स्वतःप्रकाश महाराज विद्वान एवं तपस्वी संत थे। उन्होंने समाज को अध्यात्म व धर्म का ज्ञान प्रदान कर कल्याण का मार्ग दिखाया। ऐसे महान संत का सानिध्य पुण्यों का उदय होने पर ही प्राप्त होता है। पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी स्वतः प्रकाश महाराज के दिखाए मार्ग पर चलते आश्रम की सेवा परंपरा का निरंतर विस्तार किया जा रहा है। श्रद्धालु भक्तों को श्रीमद्भागवत कथा का महत्व बताते हुए कथा व्यास महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन व श्रवण दोनों ही कल्याणकारी हैं। गंगा तट पर संतों के सानिध्य में कथा श्रवण से दोगुना पुण्य लाभ अर्जित होता है। श्रद्धालुओं को गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा श्रवण का अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्वामी सुरेश मुनि महाराज बधाई के पात्र हैं। सभी को इस सुअवसर का लाभ अवश्य उठाना चाहिए और दूसरों को भी कथा श्रवण के लिए प्रेरित करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत शुभम गिरी, महंत सूरज दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

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