मनुष्य जीवन में भाग्य की लकीरों का भी बहुत बड़ा महत्व होता है किंतु सत्संग और मेहनत भी बदल देती है मनुष्य का भाग्य श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज

प्रमोद कुमार हरिद्वार
हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार मनोज ठाकुर) श्यामपुर स्थित श्री श्याम वैकुंठ धाम के परमाध्यक्ष 1008 श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज ने भक्तजनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए कहां मनुष्य के जीवन में लकीरों का बहुत बड़ा महत्व होता है लोग कहते हैं माथे की लकीरों और भाग्य की रेखाओं और हस्तरेखाओं का जीवन में बहुत बड़ा महत्व होता है वास्तव में ही यह लकीरें सभी के जीवन में एक बहुत बड़ा महत्व रखती है उन्होंने कहा माथे पर चिंता की लकीरें हथेली पर तकदीर और जमीन पर बटवारा और रिश्तो में दरार बन जाती है यह लकीरें सब कुछ सही समय पर हमारे पास आता है हम धैर्य और विश्वास रखें समय के साथ सब कुछ संभव है संतोष जीवन की वह संजीवनी है जो व्यक्ति को निरोगी रखती है अगर भगवान हरि चाहे तो वह भाग्य के लिखे को भी बदल देते हैं माथे और हस्तरेखाओं को समय के अनुसार परिवर्तित कर देते हैं मनुष्य जीवन में हरि भजन का बहुत बड़ा महत्व है कहते हैं सत्संग सत्य की संगत है जो मनुष्य की सोच में परिवर्तन करने के साथ-साथ उसके भाग्य में परिवर्तन करने का भी महत्व रखता है सत्संग और अच्छी संगत मनुष्य को उन्नति के पथ की ओर अग्रसर करती है उसकी बुद्धि का विकास करती है अच्छे लोगों से अच्छे संस्कारों का आदान-प्रदान मनुष्य की सोच में परिवर्तन करता है और बुद्धि का विकास होता है यही हमें विकास की ओर अग्रसर करता है अगर मनुष्य चाहे तो अपनी मेहनत और बुद्धि के बल पर अपने भाग्य को भी बदल सकता है किंतु उसमें अच्छी संगत यानी के सत्य की संगत सत्संग और अच्छे लोगों का होना आवश्यक है ज्ञान मनुष्य को पृथ्वी से चांद पर पहुंच रहा है अगर हम हस्तरेखा या माथे की रेखाओं के भरोसे बैठे रहे तो यह उचित नहीं साथ-साथ कर्म करना अच्छी संगत करना नितांत आवश्यक है जब आपकी बुद्धि का विकास होगा अच्छे लोगों के साथ उठ बैठ होगी तो आपके लिए विकास के नए-नए आयाम खुलेंगे यह आपका विवेक पर निर्भर है कि आप कितने सफल हो पाते हैं आपका हरि भजन में कितना विश्वास है हरि में आपकी कितनी आस्था है बिना आस्था के भगवान नहीं मिलते इस प्रकार बिना कर्म के बिना अच्छी संगत के बिना सत्संग के मनुष्य का विकास संभव नहीं अगर अपनी उन्नति चाहते हो तो हरि भजन करो अच्छी शिक्षा ग्रहण करो तथा सदैव आगे बढ़ाने के राह तलाशते रहो कभी भी लकीर के फकीर ना बनो क्योंकि भाग्य बदलना भगवान और मेहनत के बस में है तो इसलिए हरि में आस्था रखो और कामयाबी की ओर नए-नए आयाम तलाशते रहो यही आपको कामयाबी के शिखर पर ले जाएगा।