वर्तमान अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ ने बताया विभाग में पदोन्नति से संबंधित शिकायतो को निराधार

बुलंदशहर,प्राविधिक शिक्षा विभाग से संबंधित अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ उत्तर प्रदेश, लखनऊ), प्राविधिक शिक्षा विभाग के कार्यों और घटनाओं पर आधारित एक महत्वपूर्ण विषय पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। हाल ही में, विभाग में पदोन्नति से संबंधित कई शिकायतें संघ के संज्ञान में आए हैं, उपरोक्त शिकायतें निराधार एवं भ्रम फैलाने के उद्देश्य से अथवा किसी राजनैतिक उद्देश्य से दर्ज की गई प्रतीत होती हैं।
बता दे आर.बी. सिंह, प्रधानाचार्य (जो वर्तमान में प्राविधिक शिक्षा निदेशालय, कानपुर में संबद्ध हैं) द्वारा तथाकथित पूर्व महामंत्री एवं ओएसडी के पदनाम का उपयोग करते हुए की गई शिकायतें एक उदाहरण हैं। ये शिकायतें डीपीसी प्रक्रिया एवं नियमों के परिपालन में दोषारोपण करती हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि संबंधित अधिकारी स्वयं पुरानी सेवा नियमावली का लाभ लेकर दो बार पदोन्नत हो चुके हैं।
बताया कि उक्त प्रकरण में विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा तथ्यों के आधार पर स्पष्ट किया गया है कि उक्त डीपीसी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के नियमों के अनुसार, विधिवत प्रक्रिया का पालन करते हुए की गई है। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी इस प्रक्रिया को अपने अधीन कर लिया है एवं इनकी प्रार्थना को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा न्यायोचित नहीं माना है।
यह भी अवगत कराना है कि विभाग में लंबे समय से रिक्त पदों पर पदोन्नति न होने के कारण शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहे थे। डीपीसी की देरी से छात्रों और विभाग के हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। हालांकि, कुछ नकारात्मक मानसिकता वाले व्यक्तियों ( आर बी सिंह, प्रधानाचार्य, एप्लाइड साइंस के संगठन उपाशा के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह लोधी एवं महामन्त्री भोलेनाथ प्रसाद व अन्य) ने विभागीय छवि धूमिल करने और भ्रम फैलाने का प्रयास किया है। उनके झूठे आरोपों और अफवाहों के कारण विभागीय अधिकारियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
 
अध्यक्ष द्वारा अनुरोध किया गया कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए उक्त प्रकरण की सच्चाई और निष्पक्षता को अपने माध्यम से समाज के समक्ष प्रस्तुत करें, ताकि विभागीय छवि और शिक्षा व्यवस्था पर कोई प्रश्नचिन्ह न लगे।कहा कि आपकी संस्था के माध्यम से सही और सटीक जानकारी जनता तक पहुंचने से विभाग के हित और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार होगा।