मोहन गोकुलधाम गाजीवाली, श्यामपुर, हरिद्वार के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा चतुर्थ दिवस

सम्पादक प्रमोद कुमार
 
हरिद्वार, 11 सितंबर 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद) पितृपक्ष के पावन अवसर पर मोहन गोकुलधाम गाजीवाली, श्यामपुर, हरिद्वार में चल रही श्रीमद्भागवत कथा का चतुर्थ दिवस अत्यंत भावपूर्ण एवं उल्लासमय वातावरण में संपन्न हुआ।
मोहन गोकुलधाम पीठाधीश्वर पूज्य कृष्णा संजय जी महाराज ने आज की कथा में श्रीराम जन्म का भावपूर्ण वर्णन करते हुए उनकी मर्यादा, आदर्श जीवन और चित्रकूट प्रवास (11 वर्ष 6 माह) पर प्रकाश डाला।
महाराज श्री ने रामायण का एक प्रेरक प्रसंग सुनाया कि जब वनवास के समय प्रभु श्रीराम ने निषादराज गुह को गले लगाया, तब यह संदेश दिया कि प्रभु के चरणों में आस्था और प्रेम ही सच्चा बंधुत्व है। उन्होंने कहा कि रामचरित केवल कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने की मर्यादा सिखाने वाला आदर्श है।
महाराज श्री ने आगे बताया कि भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, जबकि भगवान श्रीकृष्ण लीला पुरुषोत्तम हैं।
कथा के दौरान श्रद्धालु भजनों की धुन पर झूम उठे और “हाथी-घोड़ा-पालकी, जय कन्हैया लाल की” के गगनभेदी जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। इस अवसर पर कृष्ण जन्मोत्सव भी बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया। ठाकुर जी का आशीर्वाद सभी पर बना रहा तथा गुरुदेव ने सभी को मंगल आशीष प्रदान किया।
माखन-मिश्री का प्रसाद वितरित हुआ और भक्तों ने अपार आनंद का अनुभव किया। महाराज श्री ने बताया कि कल छप्पन भोग एवं गोवर्धन पूजा का भव्य आयोजन होगा।
आज के कथा-यजमान रहे – भावना जी, गजेन्द्र पाल, चूतुर पाल,उमेश पाल, जगदीश पाल,मोनू पाल,मंजू ,गायत्री जी, अमन जी इत्यादि।