हरिद्वार श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र अंतर्गत सिद्ध स्रोत स्थित मंदिर में रामनवमी महापर्व के अवसर पर विशाल भंडारे तथा संत समागम का आयोजन हुआ

प्रमोद कुमार हरिद्वार
हरिद्वार (वरिष्ठ पत्रकार मनोज ठाकुर)श्यामपुर कांगड़ी क्षेत्र अंतर्गत सिद्ध स्रोत स्थित मंदिर में रामनवमी महापर्व के अवसर पर विशाल भंडारे तथा संत समागम का आयोजन हुआ इस अवसर पर अनेको प्रसिद्ध आश्रमोके संत महंतों ने सिद्ध स्रोत मंदिर में आयोजित भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया सभी संत महापुरुषों के श्री मुख से निकलने वाले ज्ञान रूपी अमृत का भक्तजनों ने रसपान किया ब्रह्मलीन परम पूज्य गुरुदेव सीताराम दास श्री परमानंद जी महाराज त्याग और ज्ञान की एक अखंड मूर्ति थे प्राचीन काल से तपस्वी साधु संत ऋषि मुनियों की तपो स्थली रहा सिद्ध स्रोत मंदिर भक्तों की मान्यता तथा मन्नतो की पूर्ति का सदा से ही केंद्र रहा है आश्रम में उपस्थित एक भक्त श्री देशराज राठौर ने बताया कि मुझे इस गुरु धाम में आत्मिक शांति मिलती है जब मै घोर निराशा के अंधेरे में होता हूं तो मेरे गुरुदेव मुझे उंगली पड़कर उस घोर निराशा के घेरे से तेज प्रताप वाले सूर्य के उजाले में ला खड़ा करते थे कहने का तात्पर्य यह है के गुरुदेव ने कदम कदम पर मुझे राह दिखाई है और मेरे ऊपर आ रहे कष्टो को पलभर में हर लिया है उन्होंने कई बातें ऐसी बताई जो गुरुदेव की कृपा से सच सिद्ध हुई जब मुझे कोई उम्मीद नहीं थी और लाखों रुपए का कार्य मेरे सामने खड़ा था तब गुरुदेव ने धैर्य से कहा सब ठीक होगा और गुरु जी की कृपा से मुझे पता भी नहीं चला की क्या कहां से आया और कार्य अच्छे ढंग से संपन्न हो गया परम पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन सीताराम दास परमानंद जी महाराज ने भक्तों को अपने तपोबल से सत्य की राह दिखाई अगर आप इस तपोस्थली में जाएंगे तो आपको एक आत्मिक शांति का अनूठा अनुभव प्राप्त होगा इस स्थान पर किसी भी प्रकार का प्रचार किया जाना बाधित है किंतु स्थान की पावनता देखकर मेरी इच्छा की कि मैं दो शब्द लिखु इस अवसर पर महंत धर्मानंद दास जी महाराज महंत हरिदास महाराज महंत बालक दास महाराज बाबा वीरू जी महाराज गोबर दास जी महाराज आदेश यादव श्री देशराज राठौर सुनील प्रजापति संदीप कुमार दिवाकर आदि बहुत भारी संख्या में संत व भक्तगण उपस्थित थे सिद्ध स्रोत वह पावन स्थान है जहां गुरुदेव का तपोबल आज भी विद्यमान है।