आईआईटी रुड़की एवं मैत्री एक्वाटेक ने भारत में सतत जल समाधानों में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए हाथ मिलाया

सम्पादक प्रमोद कुमार
 
· जल पहुँच, जलवायु लचीलापन एवं सामाजिक प्रभाव बढ़ाने के लिए वायुमंडलीय जल उत्पादन का उपयोग
· राष्ट्रीय एवं वैश्विक सतत जल समाधानों के लिए एक मापनीय मॉडल
आईआईटी रुड़की, उत्तराखंड, 8 अक्टूबर, 2025 – उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए भारत के प्रमुख संस्थानों में से एक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) और वायुमंडलीय जल उत्पादन (एडब्ल्यूजी) तकनीक में अग्रणी नवप्रवर्तक मैत्री एक्वाटेक प्राइवेट लिमिटेड ने आज स्थायी जल समाधानों को आगे बढ़ाने में सहयोग हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते पर आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए, जिससे संस्थान की सामाजिक एवं राष्ट्रीय प्रासंगिकता वाले अनुसंधान के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।
यह साझेदारी संयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास एवं प्रायोगिक प्रदर्शनों पर केंद्रित होगी, जिसका उद्देश्य सुरक्षित एवं विश्वसनीय पेयजल उपलब्ध कराना है। मैत्री एक्वाटेक, आईआईटी रुड़की के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) व दाता-समर्थित पहलों की भी संभावना तलाशेगी ताकि एडब्लूजी की तैनाती के सामाजिक प्रभाव का विस्तार किया जा सके, खासकर भारत के जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों में।
इस सहयोग में अनुसंधान एवं नवाचार को शामिल करने की योजना है, जिसमें विभिन्न जलवायु परिस्थितियों के लिए एडब्लूजी प्रणालियों का अनुकूलन, परिचालन दक्षता के लिए एआई/एमएल एवं पूर्वानुमानात्मक मॉडलिंग का एकीकरण, व उन्नत जल गुणवत्ता विश्लेषण शामिल हैं। यह इंटर्नशिप, कार्यशालाओं, संयुक्त प्रकाशनों तथा सह-पर्यवेक्षण के माध्यम से ज्ञान हस्तांतरण की संभावना पर भी ज़ोर देता है। पायलट परियोजनाओं और प्रदर्शनों में सजीव प्रतिष्ठानों का लाभ उठाने, एडब्लूजी को प्रकृति-आधारित दृष्टिकोणों के साथ संयोजित करने वाले हाइब्रिड समाधान, और मापनीय, प्रतिकृति योग्य मॉडलों के विकास की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, तकनीकी प्रशिक्षण, संगोष्ठियों एवं स्थिरता-केंद्रित मॉड्यूल के माध्यम से क्षमता निर्माण छात्रों और शोधकर्ताओं को भविष्य के लिए तैयार कौशल से लैस करेगा, जबकि सामाजिक एवं नीतिगत प्रभाव पहल राष्ट्रीय जल लचीलापन रणनीतियों और साक्ष्य-आधारित नीति ढाँचों के साथ संरेखण सुनिश्चित करेंगी।
यह सहयोग न केवल स्थायी जल समाधानों में अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाता है, बल्कि ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक एवं शासन) अनुपालन सिद्धांतों के साथ भी संरेखित होता है, जिससे पूरे भारत में समुदायों में एडब्ल्यूजी प्रणालियों की जिम्मेदार और प्रभाव-संचालित तैनाती सुनिश्चित होती है।
प्रो. एम.एल. कंसल (डब्ल्यूआरडीएम संकाय, आईआईटी रुड़की) – इस सहयोग के समन्वयक, अनुसंधान एवं क्षेत्र परिनियोजन में तकनीकी मार्गदर्शन एवं अकादमिक निरीक्षण प्रदान करते हैं। इस साझेदारी में नेताओं एवं विशेषज्ञों की एक प्रतिष्ठित टीम शामिल है, जिसमें प्रो. के.के. पंत (निदेशक, आईआईटी रुड़की), प्रो. थंगा राज चेलिया (एचओडी, डब्ल्यूआरडीएम, आईआईटी रुड़की), प्रो. एम.एल. कंसल, प्रोफेसर, डब्ल्यूआरडीएंडएम, प्रो. के.एस. कासिवनाथन, डब्ल्यूआरडीएंडएम, आईआईटी रुड़की, एवं मैत्री एक्वाटेक के उद्योग जगत के नेताओं के साथ-साथ कैप्टन के.के. शर्मा (ईवीपी), श्री पवन बोरले (सह-संस्थापक) शामिल हैं। साथ मिलकर, वे अकादमिक उत्कृष्टता, डोमेन विशेषज्ञता एवं सिद्ध तकनीकी नवाचार को मिलाते हैं ताकि स्केलेबल, टिकाऊ और सामाजिक रूप से प्रभावशाली जल समाधान तैयार किए जा सकें।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा, “यह सहयोग अत्याधुनिक अनुसंधान को समाज के लिए व्यावहारिक समाधानों में बदलने की आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अपनी अकादमिक विशेषज्ञता को मैत्री एक्वाटेक की तकनीक के साथ जोड़कर, हमारा लक्ष्य जल लचीलापन बढ़ाना और ऐसे स्केलेबल मॉडल बनाना है जिनसे पूरे भारत में समुदायों को लाभ मिल सके।”
मैत्री एक्वाटेक के कार्यकारी उपाध्यक्ष, कैप्टन के.के. शर्मा ने कहा, “आईआईटी रुड़की के साथ साझेदारी हमें अपनी एडब्ल्यूजी तकनीक को शोध-आधारित अंतर्दृष्टि के साथ एकीकृत करने का अवसर प्रदान करती है, जिससे अधिक कुशल, टिकाऊ एवं सामाजिक रूप से प्रभावशाली जल समाधान सुनिश्चित होते हैं। साथ मिलकर, हम आज भारत के सामने मौजूद तात्कालिक जल चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं और वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों में योगदान दे सकते हैं।”
यह पहल भारत के राष्ट्रीय जल मिशन, जल शक्ति अभियान एवं सतत जल प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले अन्य सरकारी कार्यक्रमों का समर्थन करती है। यह संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी 6: स्वच्छ जल और स्वच्छता; एसडीजी 13: जलवायु कार्रवाई) में भी प्रत्यक्ष योगदान देती है। अत्याधुनिक तकनीक, शैक्षणिक अनुसंधान एवं सामाजिक परिनियोजन को एकीकृत करके, आईआईटी रुड़की एवं मैत्री एक्वाटेक का उद्देश्य वंचित समुदायों तक जल की पहुँच बढ़ाना, नीति अपनाने के लिए अनुकरणीय मॉडल विकसित करना और भारत के जलवायु अनुकूलन एवं प्रौद्योगिकी-आधारित स्थिरता एजेंडे को मज़बूत करना है।
प्रोफेसर एम.एल. कंसल ने पेयजल एवं स्वच्छता पहलों को आगे बढ़ाने में समन्वित प्रयासों के महत्व पर बल देते हुए कहा, “मुझे आईआईटी रुड़की एवं मैत्री एक्वाटेक के बीच इस साझेदारी का समर्थन करते हुए खुशी हो रही है, जो पूरे भारत में समुदायों के लिए स्थायी जल समाधान प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को शैक्षणिक अनुसंधान के साथ जोड़ती है।”
यह समझौता ज्ञापन आईआईटी रुड़की एवं मैत्री एक्वाटेक को अनुसंधान-आधारित, प्रभाव-संचालित जल नवाचार में अग्रणी स्थान पर रखता है, जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक उत्तरदायित्व को जोड़ता है। यह दर्शाता है कि कैसे शैक्षणिक संस्थान एवं उद्योग साझेदार मिलकर राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक स्थिरता चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं, और भारत और उसके बाहर वर्तमान और भविष्य की जल आवश्यकताओं के लिए व्यापक समाधान प्रदान कर सकते हैं।