गुरु के वचनों में साक्षात परमात्मा का वास होता है स्वामी कृष्ण देव महाराज

सम्पादक प्रमोद कुमार
हरिद्वार भूपतवाला स्थित श्री ब्रह्म निवास आश्रम उत्तरी भाग में आज एक विशाल संत समागम तथा भंडारे का आयोजन किया गया कार्यक्रम में अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए महामंडलेश्वर परम पूज्य स्वामी परमात्मदेव जी महाराज ने कहा इस पृथ्वी लोक पर सतगुरु साक्षात पारब्रह्म स्वरूप है सतगुरु ही आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से हमें ईश्वर तक पहुंचाने की युक्ति दिखाते हैं सतगुरु ही भजन पाठ पूजा सत्संग के माध्यम से मुक्ति का मार्ग दिखाते हैं राम ही सूरत राम ही मूरत राम राम ही पीड़ा राम ही मरहम राम करे उपचार रे अतः इस संपूर्ण सकल संसार में भगवान राम विद्यमान है जिसे हर मनुष्य में हर जीव में हर पेड़ पौधे में हर वस्तु में राम आकृति स्वरूप में दिखने लगे वह बैरागय को प्राप्त हो जाता है कबीर वाणी में इस बात के कई संकेत मिलते हैं की मेल मिले का मेला वरना सबसे भला अकेला कहने का मतलब यह है भगवान आस्था में ईश्वर बसते हैं और श्रद्धा भक्ति आस्था से ही भगवान मिलते हैं महर्षि वाल्मीकि ने भगवान राम के नाम का बोध
 
किया और त्रिकालदर्शी कहलाये भक्ति में ही शक्ति है दान सत्कर्म मनुष्य के उद्धार का मार्ग है इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी कृष्ण देव महाराज ने कहा रब रूठे गुरु ठोर अगर गुरु रूठे तो कहीं नहीं ठोर इस जगत में अगर भगवान रूठ जाये तो गुरु के पास उन्हें मनाने की युक्ति है गुरु की शरण में जाने से भगवान पुनः मान जायेंगे किंतु अगर किसी कारण से गुरु रूठ जाये तो आपके बचाव की युक्ति नहीं इसलिए सतगुरु के बताए मार्ग पर चले और अपने गुरु जनों की भावना को कभी आहत नहीं करें क्योंकि सतगुरु ही वह परम सत्य मार्ग है जो कुछ पल के सत्संग से हमें भवसागर पार करा सकते हैं अपने ज्ञान के मार्गदर्शन से हमारे ज्ञान चक्षु खोल हमारे भाग्य का उदय कर देते हैं कार्यक्रम की विशेष रिपोर्टिंग वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद ने कैमरामैन प्रवीण कश्यप के साथ की।