7 September 2025

संत महापुरुषों के दर्शन मात्र से होती हैं पुण्य की प्राप्ति- श्री महंत रविंद्रपुरी

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सम्पादक प्रमोद कुमार

हरिद्वार/प्रयागराज, महाकुम्भ मे बनी श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े की छावनी में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज से भेंट वार्ता करने जगतगुरु स्वामी शिवरात्रि देशीकेंद्रा महाराज छावनी पहुचे जहां अखाड़ा परिषद अध्यक्ष द्वारा जगद्गुरु का शाल और माला पहनकर स्वागत किया गया। इस दौरान महाकुंभ और अध्यात्म जगत से जुड़े कई विषयों पर चर्चा एवं विचार विमर्श किया।

 

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं माँ मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि जगतगुरु स्वामी शिवरात्रि देशीकेंद्रा महाराज आज उड़ीसा से चलकर प्रयागराज के महाकुम्भ मे पहुचे हैं।ऐसे दिव्य जगत गुरु के दर्शन बड़े भग्य से मिलते हैं। उन्होंने कहा की महाकुम्भ सनातन परम्परा और आस्था का संगम हैं और इस संगम मे करोड़ो संत महापुरुष और श्रद्धांलु आस्था की डुबकी लगाते हैं। उसी आस्था के संगम मे आज शाही स्नान के साथ जगत गुरु के दर्शन का पुण्य भी हमें प्राप्त हुआ इसलिए हम उनके चरणों मे कोटि कोटि नमन करते हैं।उन्होंने कहा की संत महापुरुषों के दर्शन मात्र से पुण्य की प्राप्ति हो जाती हैं और महाकुम्भ मे करोडो श्रद्धांलु इस पुण्य की प्राप्ति करते हैं।

जगतगुरु स्वामी शिवरात्रि देशीकेंद्रा महाराज जी
मेयसूर,कर्नाटका ने कहा की महाकुम्भ एक धार्मिक और सांस्कृतिक के संगम का बड़ा आयोजन है।उन्होंने कहा की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज के सानिध्य में महाकुम्भ सहकुशल संपन्न होगा। क्योंकि श्री महंत रविंद्र पुरी सबको साथ लेकर चलते हैं सबका मान सम्मान करते हैं ऐसे व्यक्तित्व वाले संत की उपस्थिति, सोच और समझ के कारण आज बसंत पर्व का शाही स्नान सकुशल सम्पन्न हुआ यह अपने आप मे बड़ी बात हैं। जगत गुरु ने साधुवाद देते हुए कहा की आगामी 2027मे नासिक और 2028 मे उज्जैन का महाकुम्भ ऐसे ही कुशल नेतृत्व वाले संत के सानिध्य और देख रेख मे संम्पन्न होंगे.

इस अवसर पर अखाड़े के सचिव श्री महंत राम रतन गिरी,मा. म. स्वामी प्रेमानन्द पुरी (अर्जी वाले हनुमान जी उज्जैन), महामंडलेश्वर स्वामी निरंजन ज्योति,श्री महंत शंकरा नन्द सरस्वती,महंत ओमकार गिरी, महंत राधे गिरी, महंत दिनेश गिरी,स्वामी चिदविलाशा नन्द, महंत दर्शन भारती, महामंडलेश्वर स्वामी अनपूर्णा भारती, श्री महंत राधे गिरी, मा. म. स्वामी मीरा गिरी, , मा. म. स्वामी अनंतानंता नन्द, मा. म. स्वामी आदि योगी पुरी,महंत दिनेश गिरी, महंत राकेश गिरी, महंत राज गिरी,आदि के सँग अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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