पत्रकारिता जगत को कलंकित करते कुछ खानाबदोश लोग-मनोज ठाकुर

सम्पादक प्रमोद कुमार
हरिद्वार 29 अप्रैल 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोज मनोजानन्द) विश्व प्रसिद्ध पावन नगरी हरिद्वार में पत्रकारिता जगत में आये खानाबदोश लोगों ने पत्रकारिता जगत में भूचाल लाकर रख दिया है यह खानाबदोश लोग प्रातः ही जंगली जानवरों की तरह अपने शिकार की खोज में निकल जाते हैं जिन्हें पत्रकारिता का महत्व क्या होता है यह तक नहीं पता वे लोग नेशनल चैनलों से मिलते जुलते नाम से पोर्टल बनाकर या फर्जी आईडी बनाकर बड़े-बड़े चैनलों जैसी आईडी लेकर किसी के भी कार्यकर्म में बिना बुलाये घुस जाते हैं और पत्रकारिता का रोब दिखाते हुए उससे बाइट देने की मांग करते हैं बाईट लेने के बाद लालसा का दौर शुरू हो जाता है और उन्हें बड़े चैनल का पत्रकार समझकर लोग उनके झांसे में आ जाते हैं और मोटी मोटी रकम लेकर यह लोग लोगों का उल्लू बनाकर निकल जाते हैं अगले दिन ना तो किसी अखबार में समाचार होता है और ना ही किसी चैनल पर तो आदमी इनकी हरकत से सन्न रह जाता है अगर एक आद्य व्यक्ति समाचार लगता भी है तो चैनल के स्थान पर किसी पोर्टल पर चार लाइन लिख देते हैं उसमें भी जहां गये थे ना वहां का पता ना कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी और आयोजक के नाम तक में त्रुटि कर डालते हैं बहुत से महानुभाव तो व्हाट्सएप पर टूटी फूटी दो चार लाइन लिखवा कर जिसमें चार शब्दों में तीन शब्द गलत होते हैं कार्यक्रम की फोटो के साथ उसे फेसबुक पर डालकर उसका स्क्रीनशॉट लेकर फेसबुक पर डाल देते हैं या केवल जिसके यहां जाते हैं केवल उसे भेजने के लियें ही तैयार करते हैं और अगर इन्हें कार्यक्रम करने वाला कुछ देने से इनकार कर दे तो यह लोग उसके विरुद्ध अनाप-शनाप जहर उगलने से भी बाज नहीं आते हाल ही में श्री सोहडम आश्रम भूपतवाला में हुए एक संस्था के कार्यक्रम में दर्जनों पत्रकार गये और वहां समाचार के बदले अपनी लालसा व्यक्त की आयोजकों ने कहा हमने कलब में ₹1500 की रसीद कटवा दी है और उसके अलावा दो पत्रकार और भी आये थे को भी हमने पूर्व में समाचार के बारे में लिखने को कहा है तो इन महानुभावों ने उन दो पत्रकारों के विरुद्ध अनाप-शनाप जहर उगला और उनके विरुद्ध शर्मिंदगी पूर्ण बातें कहीं और कहा जिन्हें क्लब वालों को रसीद कटवाई है उन्हीं से समाचार लिखवा लो हम नहीं लिखेंगे क्या लालसा पत्रकारिता है क्या प्रलोभन ही उनकी चाहत है जो लोग सोहम आश्रम में गये थे और कुछ न मिलने पर समाचार नहीं लिखा ऐसे सभी लोगों के विरुद्ध पत्रकारिता जगत को प्रशासन को पत्रकारिता से संबंधित संस्थाओं को ठोस कदम उठाना चाहिये ताकि भविष्य में किसी लालसा के वसीभूत होकर फुकनी बाज लोग इस प्रकार की कथित हरकत ना कर सके और जिस कारण संपूर्ण पत्रकारिता जगत शर्मसार होने से बच सके इन लोगों पर कार्रवाई हो प्रलोभन पत्रकारिता का भाग नहीं आप किसी से कुछ मांग नहीं सकते अगर कोई कुछ दे रहा है तो वह उसकी स्वेच्छा होनी चाहिये किंतु कुछ न मिलने पर कार्यक्रम का समाचार नहीं रोका जाना चाहिये और यहां ग्रुप बाज ऐसे लोग भी हैं जो आठ आठ 10 दसलोगों के ग्रुप बना रखे हैं किसी के प्रोग्राम में धार्मिक आयोजन में टिड्डी दल की तरह घुस जाते हैं बहुत से तो अपने पड़ोसी रिश्तेदार भाई भतीजा भतीजी चाचा फूफा नाना को भी ले जाते हैं और एक व्यक्ति आठ आठ 10 दस आदमियों के ग्रुप का संचालन कर रहा है एक व्यक्ति को जानकारी मिली तो भंडारा गैंग के पत्रकार उससे अधिक भी हो सकते हैं किसी के भी यहां जा धमकते हैं कोई 30 संतों का भंडारा कर रहा है किसी की व्यवस्था है किसी की नहीं है वहां पर 30 से 40 पत्रकार बंधु अचानक पहुंच जाये तो सामने वाले के होश उड़ जाते हैं उन में समाचार लिखने वाले दो या तीन ही लोग होते हैं खाने और लेने गये 40 लोग समाचार लिखा तीन या चार लोगों तो यह सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है और जिसके यहां गए थे उसके साथ ना इंसाफी है कि आजकल चलता फिरता कोई भी खानाबदोश व्यक्ति अपने आप को पत्रकार बताकर मौज काट रहे है इन खानाबदोश लोगों को चैनलों की तरह बड़ी-बड़ी चमकीली आइडिया बनाने का अधिकार कहां से मिला क्या सूचना विभाग में सूचना निदेशालय में सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार में इनका कोई पंजीकरण है भी या नहीं इस बात की स्पष्ट पुष्टि की जानी चाहिये अगर सही है तो वह फील्ड में कार्य करें अन्यथा जो लोग फर्जी रूप से आईडी बनाकर घूम रहे हैं टिड्डी दल लेकर लोगों के कार्यक्रमों में घुस जाते हैं ऐसे लोगों को सूचीबद्ध कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिये