4 September 2025

मौन शांत और चुप्पी ही उत्तम है क्योंकि बुराई के सामने हमें शांत मस्तिष्क और चुप्पी ही आफत से निकाल सकती है हरि भजन जीवन सफल करने का महामंत्र श्री श्री आनंदमयी साधना मां

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सम्पादक प्रमोद कुमार

हरिद्वार 29 अप्रैल 2025 (वरिष्ठ पत्रकार ठाकुर मनोजानंद ) दक्ष रोड कनखल स्थित श्री श्री आनंदमयी कविता मां श्री माधव आश्रम में भक्तजनों के बीच अपने श्री मुख से ज्ञान का प्रवाह करते हुए श्री श्री आनंदमयी साधना मां ने कहा जब राम राज्य था तब भी सच्चाई को सिद्ध करने के लियें अग्नि परीक्षाये देनी पड़ती थी और नाक से लेकर एड़ी चोटी तक का जोर लगाना पड़ता था किंतु असुर प्रवर्ति फिर भी पूरी तरह सच्चाई को नकार देते थे अगर कुछ लोगों ने आपको समझा भी तो उसका क्या फायदा इसलिये जहां बुराई अधिक प्रभावी हो वहां मौन रखना शांत रहना और चुप रहना उचित होता है जब आप पर कोई विपत्ति आती है तो घबराकर होश नहीं खोना है अपने मन को शांत एकाग्र कर उसको उल्टे मुंह पलट देने की युक्ति निकालना युक्ति कभी घबराहट या जल्दबाजी में लियें गये निर्णय में नहीं होती क्योंकि अगर रात हुई है रात्रि के अंधकार ने बसेरा किया है तो भोर भी होगी और भोर में सूर्य का प्रकाश रात्रि के अंधकार को समाप्त कर देगा बात गहरी है समझने में थोड़ा वक्त जरूर लगता है किंतु युक्ति में ही मुक्ति है जल्दबाजी में गुस्से में लियें गये निर्णय सदैव अहितकारी होते हैं जब कुछ ना सुझे तो अपनी अर्जी शांत मन से हरि चरणों में लगाये और सब कुछ भुला कर हरि भजन में लीन हो जाये हरि भजन से आपको शांति की प्राप्ति होगी एकाग्रता की प्राप्ति होगी और मन को संतोष की प्राप्ति होगी और जब आपका मन शांत होगा तो जिस प्रकार एक पहाड़ों के अंदर कंदिरा में किसी बारीक से छेद से सूर्य का प्रकाश जाता है तो वहां मामूली सी किरण से जगमगाहट होती है क्योंकि वहां अंधकार है और वातावरण शांत है तो उस छोटी सी किरण से जो आपके मस्तिष्क पर ज्ञान रूपी प्रकाश पड़ेगा उस किरण के माध्यम से आपको युक्ति और मुक्ति दोनों की प्राप्ति होगी योग साधना करना कठिन नहीं मन को एकाग्र करना कठिन है समस्या का हल ढूंढने में कोई परेशानी नहीं है किंतु मन को भटकाव से बचाकर सही हल ढूंढने में ही परम आनन्द और उसके बाद फिर आनंन्द ही आनन्द है!!

 

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